Ghaziabad News : बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चालकों और बिना सीट बैल्ट लगाए कार ड्राइव करने वालों की ट्रैफिक पुलिसकर्मी फोटो नहीं खीचेंगे। न ही वाहन चालक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से किच- किच करते नजर आएंगे। बल्कि शहर की सड़कों पर लगे अत्याधुनिक कैमरे यह काम खुद- ब- खुद करेंगे। नियम तोड़ने वाले वाहनों के चालान ऑटोमेटिक कटेंगे और तत्काल रजिस्टर्ड को मैसेज भी मिलेगा। आने वाले दिनों में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ यह काम स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल रूम करेगा। इसके लिए शहर भर में 70 स्मार्ट कैमरे लगेंगे।
ढाई करोड़ रुपये होंगे खर्च
यातायात नियम तोड़ने वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए गाजियाबाद नगर निगम द्वारा तैयार कराई गई डीपीआर ( डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को शासन से मंजूरी मिल गई है। प्रोजेक्ट पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह राशि शासन से सेफ सिटी योजना में मिलेगी। नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि योजना के अंतर्गत महानगर के सभी चौराहों पर 350 अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे। यह राउंड द क्लॉक, अंधेरे- उजाले में 360 डिग्री पर कवरेज करेंगे। इनमें 70 कैमरे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनाइजेशन (एएनपीआर) वाले होंगे। एएनपीआर कैमरे यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहनों का ई-चालान करेंगे।
शहर में सुरक्षा तंत्र भी होगा मजबूत
यातायात नियमों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के अलावा कैमरे शहर का सुरक्षा तंत्र मजबूत करने में भी मदद करेंगे। शहर की सड़क पर कोई भी अपराध होगा तो कैमरे तत्काल कंट्रोल रूम को रिपोर्ट करेंगे। पुलिस को इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य जुटाने में इन कैमरों से बहुत मदद मिलेगी। पुलिस को इसका बड़ा लाभ अपराधियों की धरपकड़ से लेकर कोर्ट में मामलों की पैरवी में भी मिलेगी और पुलिस को फुटेज खंगालने के लिए निजी सीसीटीवी कैमरों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा।
1500 निजी कैमरे दे रहे इनपुट
नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए पहले ही 1500 निजी सीसीटीवी कैमरे नगर निगम मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम को इनपुट दे रहे हैं। इस कंट्रोल रूम से शहर के विभिन्न इलाकों में निगरानी की जा रही। नगरायुक्त ने बताया कि स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल रूम के तहत सभी प्रमुख चौराहों पर हाई रेजुलेशन वाले आईपी बेस्ड कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की कंट्रोल से मॉनीटरिंग की जाएगी।
घटनाओं की रिपोर्टिंग होगी फास्ट
नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि भीड़भाड़ वाले बाजारों और व्यस्त इलाकों में लगे कैमरे वहां होने वाली घटनाओं पर भी नजर रखेंगे। मान लीजिए कहीं रोड एक्सीडेंट, बिल्डिंग गिरने या उसमें आग लगने की घटना होती है तो कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर यह नजारा लाइव होगा। कंट्रोल रूम से तत्काल मौके पर मदद भेजी जा सकेगी।
एआई पर काम करेगा आईटीएसएस
नगरायुक्त ने बताया कि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से काम करेगा। सभी चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल ऑटोमेटिक होंगे। किसी दिशा से वाहनों का दवाब ज्यादा है ? ट्रैफिक सिग्नल इस बात को समझकर तत्काल निर्णय लेने में सक्षम होंगे। इससे सिग्नल की टाइमिंग जरूरत के हिसाब से बदलती रहेगी, इससे सिग्नल पर वाहनों को होल्डिंग टाइम कम होगा। यह सिस्टम समय और ईधन बचाने में मददगार होगा।