Ghaziabad News : गाजियाबाद के मसूरी गांव निवासी नौशाद के गांव पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। गांव के लोग नौशाद से मिलने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। उत्तरकाशी की टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जिस ऑगर मशीन का प्रयोग किया गया था, नौशाद उस मशीन को चलाने में माहिर है। 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद नौशाद ने ऑगर मशीन से टनल में ड्रिल कर 41 श्रमवीरों को नया जीवन दिया था।
यह है पूरा मामला
गाजियाबाद जिले के मसूरी क्षेत्र में रहने वाले नौशाद उत्तरकाशी में ऑपरेशन समाप्त करने के बाद जब अपने घर वापस आए तो गांव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया। लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। कुछ लोग उनके साथ सेल्फी लेते नजर आए। उत्तरकाशी की टनल में फंसे श्रमवीरों को खाना और जीवन उपयोगी वस्तुएं देने के लिए सुरंग में छेद किया गया था। इसके बाद ऑक्सीजन, खाना, पानी और दूसरी जीवन उपयोगी वस्तुएं मजदूरों को उपलब्ध कराई गई। इसके बाद मजदूरों को निकालने के लिए एक और सुरंग बनानी थी, जिसका काम नौशाद को सौंपा गया। दस दिन की कड़ी मेहनत के बाद नौशाद इस कार्य में सफल हुए और लोगों ने नौशाद को इसके लिए बधाई दी।
पहले कभी ऐसा स्वागत नहीं हुआ
नौशाद ने बताया कि वे मुंबई की कंपनी ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग प्रा.लि. में काम करते हैं। उन्हें ऑगर मशीन की पूरी जानकारी है। इस काम के लिए किसी कुशल आदमी की खोज थी तो उसके लिए मुझे फोन किया गया। 41 मजदूरों का जीवन दांव पर लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि 10 नवंबर को काम शुरू किया और ठीक दस दिन बाद 28 नवंबर को टनल में ऑगर मशीन चलाकर सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया। इस दौरान सभी की आंखों में आंसू थे। नौशाद ने बताया कि गांव के लोगों के स्वागत से वे अभिभूत हैं। पुलिस के अधिकारी, नेता और ग्रामीण सभी उनसे मिलने आ रहे हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि ऐसा स्वागत पहली बार हुआ है। वे इसे कभी नहीं भूलेंगे।