Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम कुछ और व्यवसाय करने के लिए लाईसेंस जरूरी करने की तैयारी में है। इसके लिए नीति बनकर तैयार है। नई नीति के तहत 13 और व्यवसाय करने के लिए आपको नगर निगम से लाईसेंस लेना जरूरी हो जाएगा। इन व्यवसायों में जिम से लेकर ब्यूटी पार्लर तक बहुत कुछ है। बता दें कि अभी तक 39 ऐसे व्यवसाय हैं जिन्हें करने से पहले नगर निगम से लाईसेंस लेना जरूरी है, जल्द ही इनकी संख्या बढ़कर 52 होने जा रही है।
अभी 39 कारोबार करने के लिए जरूरी है लाईसेंस
अभी नगर निगम 39 श्रेणियों के कारोबार करने वालों को लाइसेंस जारी करता है। इनमें होटल, लॉज, रेस्तरां, शराब का ठेका, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर आदि शामिल हैं, लेकिन आपकों बता दें कि कुछ और व्यवसाय करने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, ऐसा एक प्रस्ताव नगर निगम की ओर से तैयार किया जा रहा है, इस प्रस्ताव को आने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा और बोर्ड की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा।
13 और कारोबार करने को जरूरी होगा लाईसेंस
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा. संजीव सिन्हा के मुताबिक अब नगर निगम क्षेत्र में जिम, ब्यूटी पार्लर, कोचिंग सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर, सीए कार्यालय, स्पा सेंटर, ज्वैलरी, ब्रांडेड कपड़े, जूते का शोरूम और स्पोंर्ट्स एकेडमी खोलने के लिए नगर निगम से लाईसेंस लेना जरूरी होगा। डा. सिन्हा के मुताबिक 13 और श्रेणियों के कारोबार करने के लिए नगर निगम से लाईसेंस अनिवार्य करने की तैयारी है। इसके लिए बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।
हर साल देनी होगा इतना शुल्क
जिम (सामान्य) - 2000 रुपये
जिम (वातानुकूलित - 5000 रुपये
ब्यूटी पार्लर (सामान्य) - 2000 रुपये
ब्यूटी पार्लर (वातानुकूलित) - 4000 रुपये
कोचिंग (दसवीं कक्षा के बाद) - 2000 रुपये
सीए आफिस - 4000 रुपये
स्पा सेंटर - 3000 रुपये
ज्वैलरी शोरूम (सामान्य) - 3000 रुपये
ज्वैलरी शोरूम (ब्रांडेड) - 5000 रुपये
कपड़ा शोरूम (ब्रांडेड) - 4000 रुपये
जूता शोरूम (ब्रांडेड) - 4000 रुपये
स्पोर्ट्स एकेडमी - 10,000 रुपये
स्पोर्ट्स एकेडमी (मल्टी- स्पोर्ट्स) - 20,000 रुपये
जनवरी में आया था बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव
13 नए श्रेणियों को लाईसेंस में दायरे में लाने का प्रस्ताव जनवरी, 2024 में हुई निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया था। पार्षदों ने इस पर विरोध दर्ज कराया था, बोर्ड ने आपत्तियों पर सुनवाई के बाद दोबारा प्रस्ताव रखने के निर्देश दिए थे। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा. संजीव सिन्हा का कहना है कि मामले में कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई। जुलाई की बोर्ड में इस प्रस्ताव को फिर रखा जाना था लेकिन बैठक हंगामें के चलते स्थगित कर दी गई थी, आने वाली बैठक में प्रस्ताव को बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा।