Tricity Today | कौशांबी थाना पुलिस की हिरासत में कैफे से गिरफ्तार युवक और युवतियां।
Ghaziabad News : वाकई गाजियाबाद के खेल निराले हैं। यहां कब, कोई, कैसे, किसी को लूट ले कहा नहीं जा सकता। अब कौशांबी थाना पुलिस ने पांच बालाओं के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया जो डेटिंग पर पर मस्का मारकर लोगों को फंसाता था। चिकनी चुपड़ी बातों में फंसे लोग जब बुलाए गए स्थान पर मिलने पहुंचते थे तो इस गैंग की बालाएं उन्हें बैठने के बहाने टाईगर कैफे ले जाती थीं। उसके बाद खाने पीने के लिए कुछ ऑर्डर करने पर लंबा चौड़ा बिल फाड़ दिया जाता था और देने में आनाकनी करने पर मारपीट की जाती थी।
दिल्ली के युवक को शिकार बनाकर फंसे
एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि 22 अक्टूबर को दिल्ली के दयालपुर निवासी विकास गुप्ता पुत्र सुभाष गुप्ता को डेटिंग एप के जरिए इसी गैंग की एक बाला ने कौशांबी मेट्रो स्टेशन के बाहर मिलने के नाम पर बुलाया था। विकास गुप्ता मिलने पहुंचे तो एक हसीन बाला उनके इंतजार में स्टेशन के बाहर खड़ी थी। मुलाकात होते ही उसने कैफे में चलकर बैठने की बात कही, विकास चल दिए। पहली मंजिल पर स्थित टाइगर कैफे में कोल्ड ड्रिंक और कुछ स्नेक्स मंगाने पर जो बिल सामने आया वह विकास को डराने के लिए काफी था। उन्होंने विरोध किया तो कई युवकों ने उन्हें घेर लिया, जैसे तैसे अपने दोस्त की मदद से बाहर निकले विकास ने कौशांबी थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
तीन युवक और पांच युवतियां गिरफ्तार
कौशांबी थाना पुलिस ने मामले की छानबीन के बाद टाइगर कैफे पर छापा मारकर तीन युवकों और पांच युवतियों को गिरफ्तार किया है। एसीपी इंदिरापुरम ने बताया कि कैफे से गिरफ्तार किए गए युवकों में साहिबाबाद थानाक्षेत्र में शहीदनगर निवासी खालिद उर्फ इमरान पुत्र मोहम्मद जाहिद, दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में रहने वाले नदीम पुत्र मुन्तजीम और दिल्ली के कल्याणपुरी इलाके में रहने वाले सुमित पुत्र मुकेश के साथ पांच युवतियों को टाईगर कैफे से गिरफ्तार किया है।
पांच से छह गुना बिल वसूलते थे
एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए खालिद, नदीम और सुमित ने पूछताछ के दौरान बताया कि हम अपने कैफे में काम करने वाली लड़कियों द्वारा डेटिंग एप से लड़को को मिलने के नाम पर कैफे में बुलवाते थे तथा लड़कों को केफै में लाने के बाद उनके द्वारा ऑर्डर किये जाने वाले सामान के बिल में उसके मूल्य से 5 से 6 गुना मूल्य लगाकर बिल देते थे और बिल के पैसे न देने पर बंधक बनाकर मारपीट करते थे।