Greater Noida News : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के शासनकाल में हुए 14 अरब रुपये के स्मारक घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह और रामबोध मौर्य को पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक सीपी सिंह और स्मारकों के निर्माण में पत्थर आपूर्ति करने वाले प्रमुख मार्बल कारोबारियों को भी नोटिस भेजा गया है।
पत्थर आपूर्ति से जुड़ी समिति की भूमिका
स्मारकों के निर्माण के समय मोहिंदर सिंह आवास विभाग के प्रमुख सचिव थे और उनकी अध्यक्षता में पत्थरों के दाम तय करने वाली समिति गठित की गई थी। इस समिति में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव रवींद्र सिंह, प्रमुख अभियंता त्रिभुवन राम और खनन विभाग के संयुक्त निदेशक सुहैल अहमद फारूकी भी शामिल थे। इस समिति ने पत्थरों की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किए थे।
विजिलेंस ने आरोप पत्र किया दाखिल
रामबोध मौर्य मायावती सरकार में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक थे। उनके खिलाफ विजिलेंस ने स्मारक घोटाले में आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी अब इन सभी अधिकारियों से पूछताछ करके घोटाले के अन्य शामिल व्यक्तियों का पर्दाफाश करने की तैयारी कर रही है। मोहिंदर सिंह को 16 अक्टूबर, सीपी सिंह को 17 अक्टूबर और रामबोध मौर्य को 18 अक्तूबर को तलब किया गया है।
पूर्व मंत्रियों पर भी शिकंजा
ईडी अब इस मामले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा पर भी कार्रवाई की योजना बना रही है। इसके अलावा विजिलेंस ने मोहिंदर सिंह को अगले सप्ताह दोबारा तलब करने का नोटिस भेजा है। स्मारक घोटाले में ईडी द्वारा की जा रही यह कार्यवाही घोटाले के सफेदपोशों को बेनकाब करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।