Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण में कियोस्क के निर्माण के बिना ही फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी करने के घोटाले की जांच में प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी राजेश कुमार फंसे हुए हैं। इस मामले में जांच चल रही है, लेकिन मजेदार बात यह है कि राजेश कुमार इस समय डबल चार्ज पर कार्यरत हैं। वह यमुना प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी, जनरल मैनेजर प्रोजेक्ट और गौतमबुद्ध नगर के एडीएम लैंड के पद पर भी कार्य कर रहे हैं।
घोटाले का कैसे हुआ खुलासा
यह घोटाला यमुना प्राधिकरण की आवासीय योजना के तहत उद्यमियों को मिलने वाले रिजर्वेशन से जुड़ा हुआ है। बताया गया कि कियोस्क की फंक्शनलिटी के बिना ही संबंधित विभाग ने इन कियोस्कों के लिए फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ.अरुणवीर सिंह ने इस घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद सीईओ ने आवासीय योजना के 12 आवंटियों का पंजीकरण रद्द कर दिया और उन्हें बाहर कर दिया। हालांकि, मामला अब हाईकोर्ट पहुंच चुका है। इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई जारी है।
विशेष कार्याधिकारी पर सवाल
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि यमुना प्राधिकरण के अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहे होते तो यह मामला हाईकोर्ट तक क्यों पहुंचता। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी राजेश कुमार पर सरकार का भरोसा इस बात से साफ होता है कि उन्हें तीन महत्वपूर्ण विभागों का चार्ज दिया गया है। इन विभागों में यमुना प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी, प्रोजेक्ट विभाग के जनरल मैनेजर और गौतमबुद्ध नगर के एडीएम लैंड के पद शामिल हैं, जो सभी महत्वपूर्ण और मलाईदार विभाग माने जाते हैं।
किसानों की शिकायत और मुख्यमंत्री से मांग
किसानों का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को यमुना प्राधिकरण में तैनात किया गया है, जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और इस प्रकार के अधिकारियों को तुरंत हटाए जाने की आवश्यकता है।