New Delhi/Greater Noida News : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर एक्शन के मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने आदेश दिया है कि 1 अक्टूबर तक कोर्ट की अनुमति के बिना देशभर में कहीं भी संपत्तियों को बुलडोजर से ध्वस्त नहीं किया जाएगा। यह आदेश गौतमबुद्ध नगर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी) में भी लागू होगा। हालांकि, इस आदेश में सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया को शामिल नहीं किया गया है।
क्या है पूरा मामला
इससे पहले बीते 2 सितंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसी व्यक्ति के घर को केवल आरोपी होने के आधार पर ध्वस्त करने की वैधता पर सवाल उठाए थे। अदालत ने कहा था, "किसी का घर केवल इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह एक आरोपी है? भले ही वह दोषी हो, कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना इस तरह का कदम उठाना सही नहीं है।" कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत ही इस प्रकार के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया जाना चाहिए और नागरिकों के अधिकारों का सम्मान होना आवश्यक है।
नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद
यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब देश के कई हिस्सों में बुलडोजर एक्शन को लेकर विवाद चल रहा है। कई मामलों में आरोप लगाया गया है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कानून का पालन किए बिना ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। अब अदालत ने इस मामले में स्पष्टता प्रदान करते हुए 1 अक्टूबर तक किसी भी तरह के गैरकानूनी ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है। जिससे नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है।