उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंपेगा आलाकमान

BIG BREAKING: उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंपेगा आलाकमान

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंपेगा आलाकमान

Google Image | Trivendra Singh Rawat

  • शाम 4:00 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर इस्तीफा सौंपा
  • फिलहाल 56 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं
  • सोमवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी आलाकमान की बैठक हुई थी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार की दोपहर से इसके कयास लगाए जा रहे थे। शाम 4:00 बजे उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। गत सोमवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी आलाकमान की अहम बैठक के बाद यह तय हो गया था कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी त्रिवेंद्र सिंह रावत से लेकर किसी और को दी जाएगी। रावत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में मीडिया को संबोधित कर रहे हैं।

संख्या में मजबूत है भाजपा
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद से राज्य के सियासी समीकरण बदलने लगे हैं। हालांकि विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा आगे है। उत्तराखंड विधानसभा में कुल 70 विधायक निर्वाचित होते हैं। इसमें से फिलहाल 56 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं। जबकि कांग्रेस के 11 और 2 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में संख्या के हिसाब से भाजपा को कोई खतरा नहीं दिखाई दे रहा है। मगर उत्तराखंड पार्टी संगठन में जारी रार उसके लिए संकट पैदा कर सकती है। 

कई नामों पर चल रही है मंथन
मुख्यमंत्री पद के नए चेहरे को लेकर अभी सिर्फ चर्चाएं हो रही हैं। किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। माना जा रहा है कि मंत्री धनसिंह रावत, मंत्री सतपाल महाराज, सांसद अजय भट्ट और सांसद अनिल बलूनी में से किसी एक को कमान सौंपी जा सकती है। बताते चलें कि उत्तराखंड में पार्टी के विधायकों और मंत्रियों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बगावत खोल दिया था। उसके बाद से ही उत्तराखंड राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। पिछले 4 दिनों से उत्तराखंड के राजनीति हालात बिगड़े-बिगड़े थे। 

नई दिल्ली में भी हलचल बढ़ी
पिछले हफ्ते पार्टी आलाकमान के निर्देश पर ऑब्जर्वर्स की एक टीम देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिली थी। उस दिन ही तय हो गया था कि राज्य में बड़ा फेरबदल होगा। अगले तीन दिनों में भारतीय जनता पार्टी के कुछ विधायकों और बाद में मुख्यमंत्री रावत ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी सांसद अनिल बलूनी समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। उत्तराखंड की राजनीति के जानकार मानते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव तक यदि रावत मुख्यमंत्री बने रहते, तो पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ता। इसीलिए आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी किसी ने चेहरे को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है।

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