Noida News : मध्य प्रदेश के सागर जिले के बद्री थाना क्षेत्र में 14 अगस्त को 1600 एप्पल मोबाइल फोन बदमाशों द्वारा लूट लिए गए थे। इन मोबाइल फोन की कीमत करीब 12 करोड रुपए है घटना के बाद से एमपी पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी है। बताया जा रहा है कि एमपी पुलिस शनिवार को एक इनपुट के तहत नोएडा के थाना सेक्टर 63 क्षेत्र पहुंची। यहां उन्होंने कई जगह छापेमारी की है। एमपी पुलिस का दावा है कि इस घटना को मेवाती गैंग ने अंजाम दिया है। टीम को उम्मीद है कि मोबाइल फोन नोएडा समेत एनसीआर में बेचे गए हैं। पुलिस को 150 से ज्यादा मोबाइल फोन मिल गए हैं
वाजिदपुर गांव में मिली लोकेशन
मध्य प्रदेश के सागर के क्राइम ब्रांच पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पुलिस को 150 से ज्यादा मोबाइल फोन मिल गए हैं, लेकिन अभी भी 1450 मोबाइल फोन गायब हैं। जांच के दौरान एक मोबाइल फोन की लोकेशन नोएडा के वाजिदपुर गांव में मिली। मध्य प्रदेश पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए। नोएडा पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस की टीम ने संपर्क किया है। थाने की टीम एच ब्लॉक पुलिस चौकी के साथ लोकेशन पर गई और जांच की। मध्य प्रदेश पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए।
मोबाइलों की लोकेशन नोएडा में मिली
मध्य प्रदेश पुलिस को शक है कि मोबाइल का इस्तेमाल एनसीआर में हुआ है। करोल बाग समेत कई जगहों पर बिना बिल के भी सस्ते दामों पर मोबाइल मिल जाते हैं। इस वजह से लोग एप्पल कंपनी के महंगे मोबाइल खरीद लेते हैं। बहरहाल मध्य प्रदेश पुलिस मामले की जांच कर रही है। लूट के बाद मोबाइल को ठिकाने लगाने वाले का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है।
जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक, ड्राइवर 14 अगस्त को चेन्नई से एप्पल कंपनी के चार हजार मोबाइल की खेप लेकर निकला था। सभी मोबाइल दिल्ली में डिलीवर होने थे। गैंग ने चेन्नई से जा रहे ट्रक की रेकी करने के बाद उसे निशाना बनाया था। पुणे से गैंग के सदस्य ट्रक चालक के संपर्क में आए थे। वे गार्ड की मदद से चाय के बहाने ड्राइवर के पास पहुंचे और अपनी लाचारी दिखाकर ट्रक में बैठ गए। आरोपियों ने सागर जिले में वारदात को अंजाम दिया था। ट्रक चालक के हाथ-पैर बांधकर बदमाशों ने 1600 एप्पल कंपनी के मोबाइल लूट लिए थे, जिनकी कीमत 12 करोड़ रुपये थी। ट्रक में लदे 12 करोड़ रुपए। वहीं सागर पुलिस की टालमटोल के चलते 15 दिन तक मामला दर्ज नहीं हुआ। लूट का मामला आईजी प्रमोद वर्मा के संज्ञान में आने पर थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी थी।