Noida News : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में 120 करोड़ रुपये की ठगी मामले में गिरफ्तार तीन आरोपी नोएडा प्राधिकरण में भी 200 करोड़ रुपये की सेंधमारी में शामिल थे। लखनऊ में पुलिस रिमांड पर राजेश बाबू, शैलेश रघुवंशी और देवेन्द्र जोशी से पूछताछ करने पर यह खुलासा हुआ है। नोएडा प्राधिकरण में 200 करोड़ रुपये की सेंधमारी मामले में फरार मनू भोला से आरोपियों की करीबी रही है।
प्राधिकरण में फर्जी बैंक अधिकारी बनकर पहुंचा था राजेश
पूछताछ में तीनों से यूनियन बैंक के निलंबित कर्मचारियों और एकेटीयू के अफसर व फाइनेंस कंट्रोलर के बारे में भी जानकारी ली गई। आरोपियों ने भागे हुए आरोपी अनुराग और कपिल के कुछ नए ठिकानों के बारे में जानकारी दी है। पूछताछ में सामने आया कि राजेश बाबू पिछले साल जुलाई में नोएडा विकास प्राधिकरण के खाते से 200 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में आरोपी बना था। इसमें उसे और अन्य कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वह पिछले साल नोएडा विकास प्राधिकरण में फर्जी बैंक अधिकारी बनकर मिला और 200 करोड़ रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर करा लिए थे।
नोएडा पुलिस भी रिमांड पर लेगी
साइबर थाने ने नोएडा पुलिस से भी इस बारे में जानकारी मांगी है। वहीं नोएडा पुलिस ने भी अपने मामले में राजेश बाबू को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की इच्छा जाहिर की है। खास बात यह कि दोनों संस्थानों के पैसे हड़पने को एक मॉडस ऑपरेंडी अपनाई गई।
मुख्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
नोएडा प्राधिकरण की 200 करोड़ रुपये की एफडी के नाम पर 3.90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मुख्य आरोपी मनु पोला उर्फ भोला के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। मुख्य आरोपी पिछले 11 महीने से फरार चल रहा है। उसकी तलाश में पुलिस की टीमें पश्चिम बंगाल और बिहार में दबिश दे रही हैं। डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि साल 2023 में कुछ लोगों ने नोएडा प्राधिकरण की 200 करोड़ रुपये की एफडी से 3 करोड़ 90 लाख रुपये निकालकर दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए थे।