Noida News : आईएमएस-डिजाइन एंड इनोवेशन एकेडमी में "कॉन्सेप्ट टू क्रिएशन" कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला के दौरान छात्रों को फैशन, ब्लॉक प्रिंटिंग, सिरेमिक एवं क्ले मॉडलिंग की शिल्प कौशक के व्यवहारिक ज्ञान से अवगत कराया गया। कार्यशाला के दौरान इंडस्ट्री विशेषज्ञों के साथ आईएमएस-डीआईए के डीन डॉ. एमकेवी नायर ने अपने विचार प्रकट किए।
व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करना ज़रूरी
कार्यशाला की शुरुआत करते हुए आईएमएस नोएडा के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने कहा कि "अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने की कला ही डिजाइन है। आप सभी केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप खुद को योग्य बनाए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में, छात्रों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने सृजनात्मक विचारों को प्रकट करें एवं उन्हें साकार करने की क्षमता विकसित करें जिससे छात्र भविष्य में उद्योग की चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्पर हो सकें।
छात्रों ने बनाए अनेकों डिज़ाइन
डॉ. एमकेवी नायर ने बताया कि आज के कार्यकाल में छात्रों को नए डिजाइन सोचने का मौका मिला, साथ ही उन्हें उन डिज़ाइनों को व्यावहारिक रूप में लाने के लिए सही तकनीकों का भी ज्ञान मिला। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को मटीरियल सिलेक्शन, प्रोटोटाइप निर्माण एवं मार्केटिंग स्ट्रेटेजी जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों से भी रूबरू कराया गया। कार्यशाला के दौरान छात्रों को उनके द्वारा बनाए प्रोडक्ट के लिए विशेषज्ञों ने आवश्यक सुझाव दिए। यह कार्यशाला छात्रों के लिए रचनात्मकता को बढ़ावा देने एवं उन्हें व्यावहारिक अनुभव के उद्देश्य से आयोजित की गई।