नामी स्कूल और कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ऐंठे करोड़ों, चेन्नई के बाद नोएडा में खोला था फर्जी कॉल सेंटर

नोएडा में छात्रों से फ्रॉड : नामी स्कूल और कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ऐंठे करोड़ों, चेन्नई के बाद नोएडा में खोला था फर्जी कॉल सेंटर

नामी स्कूल और कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ऐंठे करोड़ों, चेन्नई के बाद नोएडा में खोला था फर्जी कॉल सेंटर

Tricity Today | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

Noida News : नोएडा की थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने नामी स्कूल और कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से 10वीं और 12वीं के छात्रों का डेटा लेते थे। फिर उन्हें कॉल करके नामी स्कूल और कॉलेज में दाखिला दिलाने का वादा करते थे। बताया जा रहा है कि यह गैंग अब तक 200 से ज्यादा छात्रों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। 

छात्रों से ऐंठते थे मोटी रकम 
डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस ने एबीसी बिल्डिंग टावर नंबर-4 ऑफिस नंबर 513 में छापा मारा। यहां पर कॉल किए गए छात्रों की सूची, छात्रों और आरोपियों के बीच हुई चैट के स्क्रीनशॉट मिले। मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान रिजवान आलम मकान नंबर 165, वांयी ओर, भगवान नगर चौक, आश्रम नई दिल्ली और चिरंजीव निवासी फ्लैट नंबर 1107, टावर एन-22, सेक्टर 150 थाना नॉलेज पार्क ग्रेटर नोएडा के रूप में हुई है। इनके खातों की जांच में पता चला कि ये लोग एडमिशन के नाम पर छात्रों से मोटी रकम वसूलते थे।

फर्जी वेबसाइट के जरिए करते थे आकर्षित
डीसीपी ने बताया कि इन लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी फर्जी वेबसाइट बना रखी थी। ये लोग छात्रों के खरीदे गए डेटा से मिले नंबरों पर कॉल करते हैं और उन्हें हर एडमिशन पर 100 फीसदी स्कॉलरशिप और लैपटॉप का लालच देते हैं। ये उन्हें 100 फीसदी स्कॉलरशिप और लैपटॉप का लालच भी देते थे। पुलिस ने इनके पास से 5 लैपटॉप, 5 एंड्रॉयड फोन, 09 की-पैड मोबाइल और 32 सिम कार्ड बरामद किए हैं। 

चेन्नई में भी खोला था फर्जी कॉल सेंटर 
डीसीपी ने बताया कि इससे पहले ये चेन्नई में कॉल सेंटर चलाकर बच्चों से ठगी करते थे। ये लोग छात्रों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें आईटी यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज के फर्जी एमओयू आदि दिखाकर उसका प्रचार करते हैं और एडमिशन कराने के लिए राजी कर लेते हैं। एक बार छात्र के फंस जाने पर ये उनसे काउंसलिंग फीस और स्कूल फीस के नाम पर पैसे ट्रांसफर कर लेते थे।

एक सिम का एक बार ही करते थे उपयोग 
डीसीपी ने बताया कि लोग एक बार में एक ही सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद सिम कार्ड बदल देते थे। इनके पास से 32 सिम कार्ड (VI के 14 सिम कार्ड तथा एयरटेल के 08 सिम कार्ड और जिओ के 2 सिम कार्ड तथा VI कम्पनी के सील पैक के 08 सिम कार्ड) बरामद हुए। इसके अलावा एक चेक बुक व 2 सील तथा मोबाइल नम्बरों की एक बंडल सूची, 72 कार्य तथा 03 विश्वविद्यालय प्रॉस्पेक्टस तथा 7 प्रतियां जिन पर कोर्स फीस अंकित है। एक नियुक्ति पत्र भी बरामद हुआ है।

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