महिला इंजीनियर को 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा, ठगी से पहले पीड़िता ने तोड़ा चक्रव्यूह

नोएडा बना साइबर अपराधियों का गढ़ : महिला इंजीनियर को 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा, ठगी से पहले पीड़िता ने तोड़ा चक्रव्यूह

महिला इंजीनियर को 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा, ठगी से पहले पीड़िता ने तोड़ा चक्रव्यूह

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Noida News : नोएडा स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एनएसईजेड) में एक आईटी कंपनी में टीम मैनेजर के रूप में कार्यरत महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ साइबर ठगी का बड़ा प्रयास किया गया। साइबर अपराधियों ने पीड़िता को चार घंटे तक फर्जी आरोपों के साथ डराने की कोशिश की, लेकिन महिला की सतर्कता ने उन्हें ठगी से बचा लिया। ठगी से बचने के बाद महिला ने साइबर सेल को ई-मेल के जरिए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। 

कैसे शुरू गया ठगों का गेम
घटना की शुरुआत 9 नवंबर की सुबह 9.30 बजे हुई। जब पीड़िता के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को एक प्रतिष्ठित कोरियर कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए दावा किया कि उनके नाम पर एक पार्सल ताइवान भेजा गया है, जिसमें ड्रग्स हैं। उसने कहा कि पार्सल को मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया है और इसके संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई है, जिसकी जांच मुंबई साइबर सेल के अधिकारी प्रदीप कुमार कर रहे हैं।

फर्जी  मुंबई साइबर सेल अधिकारी ने बात की
कॉलर ने पीड़िता को एक फर्जी वीडियो कॉल पर मुंबई साइबर सेल अधिकारी प्रदीप कुमार से मिलवाया। आरोपियों ने खुद को सच्चा साबित करने के लिए वर्दी में पुलिस अधिकारी का वीडियो दिखाया और आरोप लगाया कि पीड़िता का संबंध एक अंतरराष्ट्रीय अपराधी मोहम्मद अली अंसारी से है। प्रदीप कुमार नाम के इस व्यक्ति ने पीड़िता से उसका मोबाइल नंबर, पता, आधार कार्ड सहित सभी व्यक्तिगत जानकारी मांगी और फिर उसे स्काइप के माध्यम से वीडियो कॉल पर बात करने के लिए कहा।

संपत्ति जब्त की धमकी
वीडियो कॉल के दौरान आरोपियों ने पीड़िता को विश्वास दिलाने के लिए पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति को दिखाया और उससे खातों की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि पीड़िता का नाम मनी लांड्रिंग और ड्रग तस्करी में फंसा है। आरोपियों ने पीड़िता को डराते हुए कहा कि उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जब तक कि वह जांच में सहयोग न करे। 

पीड़िता ने काटा कॉल
आरोपी ने पीड़िता से उसके बैंक खातों की जानकारी ली और पैसे को उनके निर्दिष्ट बैंक खातों में ट्रांसफर करने को कहा। हालांकि, पीड़िता को संदेह हुआ कि यह एक ठगी हो सकती है। इस बीच उसने सतर्कता दिखाते हुए दोपहर करीब डेढ़ बजे कॉल को काट दिया और इसके बाद आरोपियों से संपर्क नहीं किया। 

पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज
साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार गौतम ने बताया कि महिला की जागरूकता के चलते वह ठगी से बच गई। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इन तरीकों के प्रति जनता को जागरूक रहना जरूरी है। इस मामले में साइबर सेल जांच कर रही है और पीड़िता को तुरंत पुलिस से संपर्क करने के लिए सराहा गया है।

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