Noida News : नोएडा में डॉक्टरों ने एक चिंताजनक विषय पर प्रकाश डाला है। हृदय संबंधी रोग, जो पहले मुख्य रूप से वृद्ध पीढ़ी को प्रभावित करते थे, अब 25-40 साल के युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व हृदय दिवस की पर, डॉक्टरों ने इस गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
पिछले साल की तुलना में 12.5% बढ़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़े इस चिंता को और बढ़ा देते हैं। भारत में दिल के दौरे से मरने वाले 34,210 लोगों में से 9,277 लोग 30 से 45 वर्ष के बीच के थे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि युवा वयस्क भी अब इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या से अछूते नहीं हैं। इसके अलावा, एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दिल के दौरे के मामलों में पिछले साल की तुलना में 12.5% की वृद्धि हुई है।
जीवनशैली को इस वृद्धि का प्रमुख कारण
फोर्टिस, नोएडा के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. संजीव गेरा ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में 40 वर्ष से कम आयु के युवाओं में हृदयाघात के मामलों में 25-30% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, "हम हर साल हृदय संबंधी बीमारियों के लगभग 70-80 मामले देख रहे हैं, जिनमें से कई 30-40 वर्ष की आयु के हैं।" डॉ. गेरा ने तनाव और गतिहीन जीवनशैली को इस वृद्धि का प्रमुख कारण बताया।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हृदय रोग
नोएडा के मेट्रो अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम लाल ने युवा वयस्कों में दिल के दौरे के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने खराब आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन जैसी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली को मुख्य जोखिम कारक बताया। डॉ. लाल ने यह भी कहा कि चिंता और अवसाद जैसी दीर्घकालिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
दिल का दौरा पड़ने की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि पुरुषों और महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की संभावना लगभग बराबर होती है। हालांकि, उच्च कोलेस्ट्रॉल, तनावपूर्ण जीवनशैली और धूम्रपान की आदतों वाले लोगों में यह जोखिम अधिक होता है। सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और उच्च रक्तचाप (high blood pressure) दिल के दौरे के कुछ प्रमुख लक्षण हैं।