Noida News : जेपी इंफ्राटेक में फंसे 22 हजार से अधिक बायर्स को एक और आर्थिक झटका लगा है। नई सुरक्षा कंपनी ने फ्लैट की रीसेल पर ट्रांसफर चार्ज में भारी वृद्धि की है। जिससे बायर्स में नाराजगी बढ़ गई है। पहले जहां फिक्स 29,500 रुपये ट्रांसफर चार्ज था। अब इसे 413 रुपये प्रति स्क्वायर फीट कर दिया गया है। इस बदलाव के कारण 1500 स्क्वायर फीट के फ्लैट पर अब बायर्स को लगभग एक लाख रुपये से अधिक का ट्रांसफर चार्ज चुकाना होगा। जो पहले के मुकाबले 15 गुना ज्यादा है।
बढ़े ट्रांसफर चार्ज का असर रीसेल मार्केट पर
ट्रांसफर चार्ज में अचानक हुई इस वृद्धि से फ्लैटों की रीसेल मार्केट पर गहरा असर पड़ने लगा है। बायर्स और खरीदार दोनों ही इस भारी शुल्क का भार सहने को तैयार नहीं हैं। जिसके कारण फ्लैटों की रीसेल में कमी देखी जा रही है। बायर्स का कहना है कि अन्य प्रॉजेक्टों में भी ट्रांसफर चार्ज इतना अधिक नहीं है। जिससे उनकी संपत्ति की बिक्री मुश्किल हो गई है।
सर्कुलर जारी होते ही बढ़ा असंतोष
सुरक्षा कंपनी द्वारा बढ़े हुए ट्रांसफर चार्ज का सर्कुलर जारी होते ही बायर्स में असंतोष फैल गया है। बायर्स संजीव साहनी ने बताया कि इस नए चार्ज से फ्लैटों के रेट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और खरीदार भी फ्लैट खरीदने से हिचकिचा रहे हैं। बायर्स उमेश ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले पेनल्टी चार्ज का बोझ डाला गया और अब ट्रांसफर चार्ज के जरिए बायर्स पर अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ाया जा रहा है।
तीन महीने पहले लगा था पेनल्टी चार्ज
करीब तीन महीने पहले सुरक्षा कंपनी ने दिवालिया प्रक्रिया के दौरान बायर्स पर पेनल्टी चार्ज भी लगाया था। जिन बायर्स ने समय पर फ्लैट न मिलने के कारण पेमेंट रोक दी थी, उन्हें लाखों रुपये का पेनल्टी चार्ज भरने का नोटिस भेजा गया था। जिसके बाद कई बायर्स ने इस मामले में कोर्ट में अपील की। अब ट्रांसफर चार्ज में अचानक 15 गुना वृद्धि ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
बायर्स ने की अपील, नई कंपनी से राहत की उम्मीद
बायर्स ने सुरक्षा कंपनी से बढ़े हुए ट्रांसफर चार्ज को कम करने की अपील की है और उम्मीद जताई है कि कंपनी इस फैसले पर पुनर्विचार करेगी। बायर्स का कहना है कि अभी प्रॉजेक्टों में विकास कार्य भी ठीक से शुरू नहीं हुए हैं। फिर भी उन पर अतिरिक्त शुल्क का बोझ डाला जा रहा है। बायर्स का मानना है कि ट्रांसफर चार्ज कम किया गया तो रीसेल मार्केट में भी सुधार आएगा और बायर्स का विश्वास दोबारा बहाल हो सकेगा।