गाजियाबाद में विवादित बयान से भूचाल : जानिए मास्को से इंजीनियरिंग करने वाला करने वाला दीपक कैसे बना महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद

Tricity Today | Mahant Yeti Narsinghanand



Ghaziabad News : अकसर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती कौन हैं ? अब तक उनके बहुत सारे बयानों पर बवाल मच चुका है। फिलहाल यति नरसिंहानंद 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में दिए एक विवादास्पद बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बयान में उन्होंने न केवल रावण और उसके परिवार के बारे में कसीदे पढ़े बल्कि एक धर्म विशेष के खिलाफ कड़वे बोल भी बोले। ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने गुरुवार शाम को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जानिए कैसे मेरठ के किसान परिवार में जन्मा दीपक त्यागी संत बन गया। 

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री पर भी विवादित बयान
शिवशक्ति धाम डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ भी गैरमर्यादित बयान दे चुके हैं। मौजूद केंद्र और राज्य सरकार पर भी वह अकसर हमलावर होते रहे हैं। डासना मंदिर में प्रवेश के दौरान एक बच्चे की पिटाई के बाद भी महंत काफी दिनों तक मीडिया की सुर्खियों में रहे थे। वह धर्मांतरण को लेकर भी अकसर पर तीखे बयान देते रहे हैं।

विवादों से पुराना नाता, 2022 में गिरफ्तारी
एक बार दिल्ली में प्रशासन की अनुमति के बिना आयोजित हिंदू महापंचायत में यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाने के लिए हथियार उठाने की नसीहत दे डाली थी। इसके अलावा दिल्ली के प्रेस क्लब में विशेष धर्म को लेकर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी भी चर्चाओं में रही थी। हरिद्वार में 2022 में आयोजित धर्म संसद में विवादित बयान देने पर यति नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी हुई थी।

पूर्व भाजपा सांसद बीएल शर्मा हैं गुरु
शिवशक्ति धाम डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती दिल्ली में भाजपा के सांसद रहे बीएल शर्मा को अपना गुरु मानते हैं। उन्हीं की प्रेरणा के बाद यति नरसिंहानंद की सोच बदली और सांसारिक जीवन छोड़कर भगवा चोला धारण कर लिया था। यति नरसिंहानंद को अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजक भी बताया जाता है। साथ ही वह हिंदुओं के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं। हिंदू स्वाभिमान संसथा के अलावा वह धर्म सेना का गठन भी कर चुके हैं। धर्म सेना का गठन महंत ने हिंदु युवाओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए किया था।

मास्को में की इंजीनियरिंग की पढ़ाई
1969 में मेरठ जनपद के एक किसान परिवार में जन्मे यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी था। हापुड़ के ताराचंद इंटर कॉलेज से शुरूआती पढ़ाई पूरी कर वह 1989 में केमिकल टैक्नोलॉजी की पढ़ाई करने मास्को चले गए थे। उन्होंने मास्को में 1994 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और वहीं नौकरी करने लगे, लेकिन 1997 में मां के बीमार पड़ने पर वह स्वदेश लौट आए और यहीं के होकर रह गए। उसी दौरान भाजपा नेता स्वर्गीय बीएल शर्मा के संपर्क में आने से उनके जीवन में बड़ा मोड़ आया और उसके बाद उन्होंने परिवार छोड़ दिया।

नाम बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह रखा
सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यासी जीवन अपनाते हुए उन्होंने अपना नाम दीपक त्यागी से बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह रख लिया था। उसके कुछ दिन बाद उन्होंने फिर से अपना नाम बदल लिया और यति नरसिंहानंद ‌हो गए। 2007 से वह गाजियाबाद के डासना मंदिर के पीठाधीश्वर हैं और हिंदुओ के सबसे बड़े संप्रदाय माने जाने वाले जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं।

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