Ghaziabad News : इंदिरापुरम योजना के तहत श्मशान घाट के पास 20 हजार वर्ग मीटर जमीन पर बनाए गए ग्रुप हाउसिंग प्लॉट लंबे समय से नहीं बिक रहे हैं। इन्हें बेचने के लिए जीडीए उपाध्यक्ष (वीसी) अतुल वत्स ने नई कार्ययोजना बनाई है। इससे जीडीए का फंड 200 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा और शहर के विकास की गति को तेज करने में मदद मिलेगी।
नीलामी रखने के बाद भी नहीं बिके प्लॉट
इंदिरापुरम स्थित ग्रुप हाउसिंग के प्लॉट श्मशान घाट के पास होने के कारण बिल्डर नहीं खरीद रहे हैं। कई बार नीलामी में रखने के बावजूद किसी ने इन ग्रुप हाउसिंग प्लॉटों को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कारण जानने के लिए बातचीत के दौरान पता चला कि अगर यहां फ्लैट बनाए गए तो ऊंचे फ्लैटों की बालकनी से श्मशान घाट दिखाई देगा, इसीलिए खरीदारों की दिलचस्पी नहीं है। इसके चलते बिल्डर इन भूखंडों को खरीदकर बहुमंजिला इमारतें बनाने से बच रहे हैं।
100-200 मीटर के भूखंड काटे जाएंगे
इन्हें बेचने के लिए जीडीए वीसी अतुल वत्स ने कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत सबसे पहले श्मशान घाट के चारों ओर 15 मीटर ऊंची बाउंड्री बनाकर वर्टिकल गार्डनिंग की जाएगी। इसके साथ ही उक्त भूमि पर ग्रुप हाउसिंग भूखण्डों के स्थान पर 100-200 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के छोटे आवासीय भूखण्ड बनाये जायेंगे।
कर्ज के बोझ से मुक्त होगा जीडीए
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि प्राधिकरण को कर्ज के बोझ से मुक्त करने और फंड बढ़ाने पर लगातार मंथन चल रहा है। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद जीडीए का फंड बढ़ाने और शहर के विकास की गति को तेज करने के लिए अहम फैसले लिए जाएंगे। साथ ही उक्त 20 हजार वर्ग मीटर भूमि पर छोटे-छोटे आवासीय भूखंड बनाकर लगभग 40 प्रतिशत भूमि का उपयोग सड़क एवं हरित पट्टी विकसित करने में किया जायेगा।