समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में दस साल की बच्ची लिफ्ट में फंसी, टला बड़ा हादसा

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Greater Noida West News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिफ्ट में दुर्घटना के मामले बढ़ रहे हैं। तमाम ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में हर रोज निवासी लिफ्ट खराब और बंद होने की समस्या से परेशान हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अजनारा होम सोसाइटी में एक दस साल की बच्ची लिफ्ट में करीब 20 मिनट तक फंसी रही। बच्ची ने मदद के लिए इमरजेंसी अलार्म बजाया लेकिन अलार्म का बटन खराब निकला। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट पर लापरवाही का आरोप है।

ट्यूशन पढ़कर वापस घर लौट रही थी बच्ची
अजनारा होम सोसाइटी में लिफ्ट में फंसी बच्ची की परिजन रिचा अग्रवाल ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ एम टावर के 10वे फ्लोर पर रहती हैं। उनकी बेटी शाम के समय ट्यूशन पढ़कर बी वन टावर से वापस घर लौट रही थी। लिफ्ट से आते समय उनकी बेटी 14वें फ्लोर पर जब पहुंची तो लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्त एक दम से 14वें फ्लोर से लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर जा पहुंची। उनकी बच्ची घबरा गई।

मेंटेनेंस डिपार्टमेंट की तरफ से लापरवाही जारी
रिचा ने बताया कि बच्ची ने मदद के लिए अलार्म वाला बटन दबाया लेकिन उसको मदद नहीं मिली। बिजली आने के बाद उनकी बच्ची बाहर निकली। इस घटना के बाद बच्ची घबराई हुई है। इससे पहले भी सोसाइटी में कई बार लिफ्ट खराब हो चुकी है। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट को शिकायत करने के बाद भी लापरवाही जारी है। अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। आपको बता दें, नोएडा में पारस टिएरा सोसाइटी में 70 साल की महिला की लिफ्ट टूटने से मौत हो गई है। इस हादसे से पहले करीब 50 मिनट तक बुजुर्ग महिला लिफ्ट में फंसी रही थी। इस घटना के बाद जिले के हाईराइज सोसाइटी में निवासियों में डर का माहौल है।

बढ़ रहे हैं हादसे लेकिन कोई जवाबदेह नहीं
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद हाइराइज इमारतों वाले शहर हैं। इन शहरों की ज्यादातर आबादी इन इमारतों में रह रही है। लाखों लोगों को हर वक्त लिफ्ट के सहारे रहना पड़ता है। ऐसे में लगातार हो रहे हादसों से लोग डरे हुए हैं। पिछले दिनों बच्चों के लिफ्ट में फंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं लगातार हो रही हैं। परेशानी की असली वजह इनका प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होना है। दरअसल, सोसायटियों में लिफ्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है, लिफ्ट में हादसा हो तो उसे किसकी गलती मानी जाए और किस पर कार्रवाई की जाए, यह तय नहीं है। यह तभी संभव होगा जब लिफ्ट एक्ट बनेगा।

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