Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में यूपी रेरा के कार्यालय पर प्रदर्शन
ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) में फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा (NEFOWA) लंबे अरसे से रजिस्ट्री शुल्क घटाने की मांग कर रही है। बिल्डर मनमानी कर रहे हैं और यूपी रेरा उन पर कार्यवाही नहीं कर रहा है। इस तरह के आरोप लगाते हुए शनिवार को संस्था के पदाधिकारियों ने ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) के कार्यालय पर प्रदर्शन किया है। संस्था के पदाधिकारियों ने सवाल किया कि यूपी रेरा का रुख बिल्डरों के प्रति नरम क्यों है? बिल्डर यूपी रेरा के आदेशों का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? फैसलों पर अमल नहीं होता और शिकायत करने पर यूपी रेरा बिल्डरों को मोहलत क्यों दे रहा है?
नेफोवा का आरोप है कि यूपी रेरा की गलत नीतियों और शिथिलता से मजबूर होकर शनिवार को यह प्रदर्शन किया है। घर खरीदारों के लिए फ्लैटों का रजिस्ट्री शुल्क कम करने की मांग की। इन लोगों का कहना है कि विकास प्राधिकरण से अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी बिल्डर रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर यूपी रेरा कोई काम नहीं कर रहा है। यूपी रेरा के अधिकारियों ने नेफोवा के पदाधिकारियों को सोमवार को वार्ता करने के लिए बुलाया है। नेफोवा के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह रेरा कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषके कुमार ने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने घर खरीदारों के हित में रजिस्ट्री शुल्क कम कर दिया है। उत्तर प्रदेश के घर खरीदारों ने यही मांग प्रदेश सरकार से की है। कोरोना काल के कारण आई आर्थिक मंदी में सभी की हालत खराब है। रजिस्ट्री शुल्क कम होने से प्रदेश के लाखों खरीदारों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि अनेकों घर खरीदार कई-कई सालों से अपना घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में खरीदारों को घर मिलने की खुशी तो है, लेकिन दो-दो, तीन-तीन साल से अधिक समय से अधिभोग पत्र (ओसी-सीसी) मिलने के बावजूद रजिस्ट्री नहीं होना चिंता का विषय है।
कई ऐसे बिल्डर हैं, जो फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। उन परियोजनाओं का प्राधिकरण ने अधिभोग पत्र भी जारी कर दिया है। फिर भी बिल्डर फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। घर खरीदारों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया गया है। इसकी वजह रेरा का बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना है। रेरा घर खरीदारों के पक्ष में फैसला तो देता है, लेकिन बिल्डर उस फैसले का पालन नहीं करते हैं। आदेशों का पालन न होने पर घर खरीदारों की शिकायत पर रेरा कोई कार्रवाई नहीं करता है। घर खरीदारों को मिलने और अपना पक्ष रखने का समय भी नहीं दिया जाता है। जबकि, बिल्डरों को मोहलत दे दी जाती है। आखिर रेरा घर खरीदारों का हित साधने के लिए बनाया गया है या फिर बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान यूपी रेरा को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया गया है। यूपी रेरा के चेयरमैन की तरफ से सोमवार को वार्ता करने के लिए बुलाया गया है। यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। शनिवार को प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से मनीष कुमार, राहुल गर्ग, बी एन गुप्ता, अनुपम मिश्रा, राज कुमार, मनोज झा, सागर चौधरी, बी एस त्रिपाठी, नीरज कुमार और संजीव सक्सेना मुख्य रूप से शामिल हुए।