Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित गौर सिटी 5th एवेन्यू अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई को एक खत लिखकर बड़ी मांग की है। एसोसिएशन ने बिल्डर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि हजारों निवासियों को प्रमोटर से बचाया जाए। गौर सिटी फिफ्थ एवेन्यू के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी आओ को सौंपी जाए। बिल्डर इसे अच्छी तरह निभाने में असफल रहा है। विरोध करने पर अक्सर तकरार की स्थिति पैदा हो जाती है।
गौर सिटी 5th एवेन्यू के महासचिव संजय राजपूत ने लिखा है, गौर संस हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पजेशन देने के 6 साल बाद भी प्रोजेक्ट वर्क पूरा नहीं करा रहे हैं। न ही 2 वर्ष 10 माह से रजिस्टर्ड एओए को सोसाइटी के मेंटेनेंस का नियमानुसार ट्रांसफर कर रहे हैं। साथ ही एओए पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह किसी भी तरह के ऑडिट की मांग ना करे।
महासचिव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रमोटर अपनी ही एक मेंटेनेंस कंपनी आईपी स्टेट प्राइवेट लिमिटेड से यहां का मेंटेनेंस और सुरक्षा व्यवस्था कराती है। लेकिन यह बेहद निम्न स्तर का है। प्रमोटर अपनी मेंटेनेंस कंपनी के जरिए समय-समय पर एकतरफा निर्णय से शुल्क बढ़ाकर निवासियों को प्रताड़ित कर रहा है। बिजली बिल की आड़ में अवैध वसूली की जा रही है। शिकायत करने पर मेंटेनेंस एजेंसी मीटर खराब बताकर 7500 रुपए की अवैध मांग कर निवासियों का उत्पीड़न कर रही है। पिछले 3 साल में सुरक्षाकर्मियों की संख्या आधी हो गई है। इस वक्त गौतमबुद्ध नगर डेंगू की चपेट में है। लेकिन बिल्डर ने सोसाइटी में फागिंग बंद करा दी है। बार-बार कहने के बावजूद फागिंग नहीं हो रही।
इससे तंग सोसाइटी के निवासियों ने फैसला लिया है कि अब मेंटेनेंस की जिम्मेदारी एओए को संभालनी चाहिए। इस संबंध में प्रमोटर को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन प्रमोटर ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार सिंह से इस बारे में मिलकर पत्र दिया जा चुका है। उन्होंने बिल्डर और प्राधिकरण के अफसरों की मीटिंग बुलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई अमल नहीं हो सका है। मजबूरन हमें खत लिखना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा है, गौर संस हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से कॉमन एरिया मेंटेनेंस, एओए मेंबरशिप फंड और आईएफएमएस फंड का ट्रांसफर तत्काल प्रभाव से यहां की रजिस्टर्ड एओए को कराया जाए। साथ ही सभी अधूरे कार्यों को पूरा कराने और ऑडिट कराने का आदेश देकर यहां रह रहे 1320 परिवारों को प्रमोटर की प्रताड़ना से मुक्ति दिलाएं।