गौतमबुद्ध नगर में विकास का पर्याय बनने वाला ग्रेटर नोएडा वेस्ट अपनी बदहाली की दास्तां सुना रहा है। वेस्ट की सैकड़ों हाईराइज सोसाइटीज में बुनियादी सुविधाओं का अभाव तो है ही, मामूली बारिश से इन ऊंची इमारतों की जमीनी हकीकत का पता चल जाता है। गुरुवार को वेस्ट की तीन अलग-अलग सोसाइटी के तीन अलग-अलग मामले यह बताते हैं कि इस हाईटेक जिले और राजधानी दिल्ली के पड़ोसी जनपद में भी कुव्यवस्थाओं का अंबार है।
लाखों लोग ऊंची इमारतों में बुनियादी सुविधाओं के बगैर रहते हैं। हैरत की बात यह है कि इन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग को निर्माण से लेकर बनने के बाद तक जिला प्रशासन और संबंधित प्राधिकरणों के कानूनों की कसौटी पर परखा जाता है। बावजूद इसके बिल्डर निर्माण में बेहद घटिया क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल करने में कामयाब रहते हैं। दुःखद यह है कि बार-बार आवाज उठाने के बावजूद भी प्रशासन-प्राधिकरण समस्याओं का समाधान कराने में सफल नहीं हो रहे।
इको विलेज में 20वीं मंजिल से गिरा प्लास्टर
आज ग्रेटर नोएडा की वेस्ट की इको विलेज-3 सोसाइटी के टावर बी-2 की 20वीं मंजिल की बालकनी से प्लास्टर का एक बड़ा टुकड़ा अचानक नीचे गिरा। गनीमत रही कि नीचे खड़े लोग बाल-बाल बच गए। अन्यथा टुकड़े के साइज और ऊंचाई की वजह से बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना के बाद से निवासियों में रोष है। मगर निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर खड़ी की गई इन ऊंची इमारतों में ऐसे हादसे आए दिन होते हैं। निवासी विरोध दर्ज कराते हैं, मगर समाधान के नाम पर सिवाय आश्वासन कुछ खास हासिल नहीं हो पाता।
तमाम घटनाएं हो चुकी हैं
इको विलेज-3 के निवासियों का कहना है कि इस पूरी सोसाइटी के निर्माण में बेहद सस्ती और निम्न स्तरीय क्वालिटी की सामग्री इस्तेमाल की गई। जबकि फ्लैट के नाम पर लोगों ने अपनी पूरी गाढ़ी कमाई बिल्डरों को सौंप दी। हालात इतने बदतर हैं कि छत से प्लास्टर टूटकर गिरने की तमाम घटनाएं सामने आने के बावजूद कोई एक्शन नहीं हुआ। बिल्डर और मेंटेनेंस विभाग से शिकायतें की जाती हैं, लेकिन समाधान कुछ नहीं है।
पंचशील में हुआ हादसा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही स्थित एक अन्य हाईराइड सोसाइटी पंचशील में भी आज ऐसी ही एक घटना सामने आई है। यहां भी एक टावर की गैलरी में छत से प्लास्टर का बड़ा हिस्सा गिर गया। अच्छा हुआ कि उस वक्त कोई निवासी वहां से गुजर नहीं रहा था। न ही बच्चे वहां खेल रहे थे। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इसकी शिकायत लोगों ने मेंटेनेंस से की। निवासी गुस्से में हैं। उनका कहना है कि बिल्डरों ने उनकी जिंदगी की पूरी कमाई हथिया ली। मगर उन्हें एक अच्छा घर नहीं दे सके। हर वक्त उन्हें असुरक्षा के साए में रहना पड़ता है। पता नहीं कब-कहां से प्लास्टर का टुकड़ा गिर पड़े।
कूड़े और साफ-सफाई को लेकर विरोध
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी सिर्फ घटिया निर्माण सामग्री से नहीं जूझ रहीं। बल्कि यहां सुविधाओं के नाम पर भी कुछ खास हासिल नहीं है। वेस्ट के बड़ी सोसाइटी देविका गोल्ड होम्ज (Devika gold homz) में कूड़े का ढेर लग गया है। निवासी इसको लेकर क्षुब्ध हैं। उनका कहना है कि कूड़े और साफ-सफाई को लेकर कई बार शिकायत की गई। हर बार आश्वासन मिला, लेकिन कूड़ा उठाने वाले नहीं आ रहे हैं। इससे नाराज होकर लोगों ने मेंटेनेंस ऑफिस में ही कूड़ा रखना शुरू कर दिया है। उनका कहना है, जब तक कूड़े का अच्छी तरह निस्तारण नहीं होगा और सोसाइटी में साफ सफाई का प्रबंध नहीं किया जाएगा, वह इसी तरह अपना विरोध जताते रहेंगे।