Greater Noida West : ऐस सिटी सोसाइटी में नहीं चलेगी एओए की मनमानी, डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा- एक माह में बने नया अध्यक्ष

Tricity Today | एओए की मनमानी के खिलाफ डिप्टी रजिस्ट्रार के दफ्तर पहुंचे निवासी



Greater Noida West : शहर की ऐस सिटी सोसाइटी में एओए का पहला चुनाव 31 अक्टूबर 2021 में सम्पन्न हुआ था। उसके बाद 16 जून 2022 को एसोसिएशन के रजिस्ट्रेशन के साथ एओए का औपचारिक गठन हुआ। इसलिए 15 जून 2023 को पहली एओए का कार्यकाल समाप्त हो गया। उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट 2010 और आदर्श उपविधि 2011 के अनुसार वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल पूर्ण होने से पहले आगामी एओए बोर्ड के गठन की प्रकिया पूर्ण हो जानी चाहिए थी, लेकिन वर्तमान एओए बोर्ड ने निवासियों की बार-बार मांग के बाबजूद भी चुनाव प्रक्रिया शुरू करने में देरी की है।

वर्तमान एओए के प्रभाव से नहीं हुए चुनाव
4 जून 2023 को दूसरी वार्षिक आम सभा (AGM) में 11 जून से चुनाव प्रक्रिया आरंभ करने की घोषणा की गई, लेकिन चुनाव प्रक्रियाओं में अनियमिताओं के कारण चुनाव प्रक्रिया निरस्त करनी पड़ी। डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश पर एक माह के लिए सदस्यता अभियान (मेम्बरशिप ड्राइव) चलाया गया। उसके बाद मनमाने तरीके से कार्यवाहक एओए बोर्ड ने 11 अगस्त 2023 को नया चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया। जिसके अनुसार 1 अक्टूबर को चुनाव सम्पन्न होने थे, लेकिन चुनाव कमेटी पर एओए के प्रभाव, दबाब और पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण यह चुनाव प्रक्रिया भी निरस्त हो गई।

यमुना अथॉरिटी के अफसर को बनाया चुनाव अधिकारी
इस बीच ऐस सिटी के निवासियों ने 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त, 4 सिंतबर को डिप्टी रजिस्ट्रार और जिलाधिकारी से निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति के लिए लिखित प्रत्यावेदन दिया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर 27 सिंतबर को एक बार फिर ऐस सिटी निवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी महोदय से मिला। जिसमें सोसाइटी की महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और अन्य सक्रिय निवासी थे। उन्होंने तत्काल डिप्टी रजिस्ट्रार को चुनाव अधिकारी नियुक्त करने का मौखिक आदेश दिया। जिसके बाद 30 सिंतबर को डिप्टी रजिस्ट्रार ने आदेश पारित किया है। जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के उपमहाप्रबंधक (वित्त) को चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनको 30 दिन के अंदर चुनाव प्रकिया सम्पन्न करने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही कार्यवाहक एओए बोर्ड और दैनिक-रोजमर्रा के व्यय को छोड़कर सभी प्रकार के वित्तीय निर्णय लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

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