Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौर सिटी गोल चक्कर से सिटी सेंटर तक बिना किसी रेड लाइट और नॉन स्टॉप के वाहन दौड़ेंगे। इसके लिए कार्य काफी तेजी के साथ चल रहा है। जून के महीने तक कार्य पूरा हो जाएगा और नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट का सफर करने वाले लोगों को आसानी होगी।
पृथला गोल चक्कर पर बन रहा फ्लाईओवर
दरअसल, पृथला गोल चक्कर पर बनाया जा रहा फ्लाईओवर अगले 4 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद नोएडा में सेक्टर-37 से लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर सिटी चौराहे तक निर्बाध यातायात मिलेगा। बुधवार को नोएडा अथॉरिटी के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने पृथला चौराहे पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज और पूरे फ्लाईओवर का जायजा लिया। उन्होंने कहा, "परियोजना पर समयबद्ध रूप से काम चल रहा है। निर्धारित समय जून महीने में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।"
सुबह-शाम के घण्टों में गुजरते हैं 18,000 वाहन
नोएडा अथॉरिटी के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने कहा, "इस मार्ग की व्यवस्तता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि नोएडा में काम करने वाले लोग ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर जाने के लिए यहां से होकर गुजरते हैं। सामान्य दिनों में सुबह 9:30 से 10:30 के बीच इस मार्ग पर वाहनों की संख्या 18,000 तक पहुंच जाती है। इस दौरान लोगों को करीब 30 मिनट का वक्त इस मार्ग पर लगता है। पृथला गोल चक्कर पर फ्लाईओवर बनाने से पहले इस मार्ग पर यातायात का अध्ययन किया गया था। जिससे पता चला कि आने वाले कुछ वर्षों में पीक आवर्स के दौरान आवागमन करने वाले वाहनों की संख्या 25,000 तक पहुंच जाएगी। जिससे हालात और ज्यादा बिगड़त जाते। लिहाजा, अथॉरिटी ने समय से पहले पृथला गोल चक्कर पर फ्लाईओवर बनाने का फैसला लिया। यह फ्लाईओवर अगले 4 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।"
शहर के इन इलाकों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा
राजीव त्यागी ने कहा, "मास्टर प्लान रोड नंबर-3 नोएडा शहर का मुख्य मार्ग है। यह शहर का अति व्यस्ततम रास्ता है। इस सड़क पर यातायात का दबाव अत्यधिक है। जिसके कारण पृथला गोल चक्कर पर अधिकांश समय ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती थी। ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए मास्टर प्लान रोड पर फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। यह फ्लाईओवर बनने के बाद शहर के सेक्टर-51, सेक्टर-52, सेक्टर-61, सेक्टर-70, सेक्टर-71, सेक्टर-72, सेक्टर-73, सेक्टर-74, सेक्टर-75, सेक्टर-76, सेक्टर-77, सेक्टर-78, सेक्टर-79, सेक्टर-121 और सेक्टर-122 के निवासियों को यातायात में काफी सुगमता होगी। दिल्ली से गाजियाबाद, हापुड़, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा जाने के लिए इस चौराहे से बिना लाल बत्ती के सीधे जा सकेंगे। यह फ्लाईओवर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लाखों लोगों को दैनिक आवागमन में सुविधा देगा।
नोएडा अथॉरिटी खर्च कर रही है 80.53 करोड रुपए
नोएडा के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने बताया कि इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए विकास प्राधिकरण 80.53 करोड रुपए खर्च कर रहा है। पृथला गोल चक्कर पर फ्लाईओवर बनाने का काम 24 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया था। इसका निर्माण 23 जून 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्य सही ढंग से चल रहा है। पृथला गोल चक्कर पर 154 मीटर लंबा केबल सस्पेंशन ब्रिज बनाया जा रहा है। यह देखने में बेहद खूबसूरत होगा। यह दिल्ली में यमुना नदी पर बनाए गए सिग्नेचर ब्रिज जैसा है। इस ब्रिज तक पहुंचने के लिए ग्रेटर नोएडा की तरफ 207 मीटर लंबा रैंप बन रहा है। नोएडा की तरह रैंप की लंबाई 287 मीटर है।
अब तक कितना निर्माण हुआ
राजीव त्यागी ने बताया कि फ्लाईओवर के लिए कुल 52 पाइलों का निर्माण पूरा हो चुका है। सभी 6 पाइलकैप बनाई जा चुकी हैं। दोनों तरफ की एवमेंटकैप की कास्टिंग पूरी हो चुकी है। 255 मीटर लंबाई में सर्विस रोड का चौड़ीकरण कर दिया गया है। फ्लाईओवर की दीवार के लिए 7,732 वर्ग मीटर पैनलवॉल में से 6,000 वर्ग मीटर प्रीकास्ट की जा चुकी है। इसके लिए 784 क्रैश बैरियर की जरूरत होगी। सारे बैरियर बन चुके हैं। फ्लाईओवर के पायलोन की ऊंचाई 49 मीटर से ज्यादा है। इसमें से 24.5 मीटर का निर्माण किया जा चुका है। 207 मीटर की लंबाई में वॉल का निर्माण कर दिया गया है। कुल मिलाकर फ्लाई ओवर का 80 फ़ीसदी से ज्यादा निर्माण हो चुका है।
रोजाना हजारों वाहन चालक करते हैं सफर
आपको बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच सेक्टर-71 चौक से पर्थला गोल चक्कर और हिंडन पार करके गौर सिटी चौराहे तक हर महीने करीब 50 लाख वाहन आवागमन करते हैं। रोजाना पीक आवर्स में इस रास्ते पर 18,000 से ज्यादा वाहन होते हैं। सुबह-शाम व्यस्त घण्टों में इस रास्ते पर ट्रैफिक जाम के कारण महज 4 किलोमीटर सफर तय करने के लिए आधा घंटा लगता है। यह परेशानी जल्दी खत्म होने वाली है। आने वाली गर्मियों में इन लाखों लोगों को राहत मिलेगी।