समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : आधी रात तक रेंगती रही गाड़ियां, वीकेंड के दिन भी झेलनी पड़ी परेशानियां, लोगों ने सीएम योगी से लगाई मदद की गुहार

Tricity Today | आधी रात की भीषण जाम की तस्वीर



Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जाम की समस्या अब रुटीन की बात बन चुकी है। जाम के कारण रोज लाखों लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इन परेशानियों का समाधान तो है लेकिन जनप्रतिनिधि और अफसर दोनों समस्या को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिखते। शनिवार की रात को भी आधी रात तक लोगों को जाम की मार झेलनी पड़ी। जिसके बाद लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को सोशल मीडिया पर टैग कर उनसे गुहार लगाई और कहा कि इस समस्या का जल्द से जल्द निवारण करें।

दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेसवे पर भी यही हाल
दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेसवे पर महामाया फ्लाईओवर से अक्षरधाम तक का 9 किलोमीटर का सफर भी किसी भयानक सपने से कम नहीं है, खासकर पीक आवर्स के दौरान। नोएडा एक्सप्रेसवे से कई जगहों से आने वाले वाहनों के कारण, सड़क संकरी हो जाती है और ट्रैफिक जाम लग जाता है। ऑटो और ई-रिक्शा चालकों द्वारा अतिक्रमण और अनधिकृत बस स्टॉप इस समस्या को और बढ़ा देते हैं। फुटपाथ पर बाइक चलाने वालों की वजह से भी अफरातफरी मचती है। सड़कों पर गड्ढे, उबड़-खाबड़ रास्ते और आवारा पशु इस समस्या को और विकराल बना देते हैं।
सिटी बस सेवा शुरू होने से परेशानी होगी दूर 
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटियों में आबादी लगातार बढ़ रही है। उस हिसाब से सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सड़कों पर हर दिन लगने वाले भीषण जाम से सभी निवासी परेशान हैं। प्राधिकरण से लगातार सिटी बस सेवा की मांग की जा रही है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। सिटी बस सेवा शुरू होने से लोगों की आधी परेशानी दूर हो जाएगी। 

मेट्रो न होने के कारण भी लगता है लंबा जाम
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग लंबे समय से आधारभूत सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी को पूरा करने के लिए सिटी बसों के साथ-साथ मेट्रो सेवा की मांग भी लगातार उठाई जा रही है। बिल्डरों ने इस इलाके को नोएडा एक्सटेंशन के नाम से विकसित किया और मेट्रो के नाम पर फ्लैट बेचे। लेकिन अब यह क्षेत्र यहां रहने वालों के लिए एक “टेंशन” बन गया है। लोग अब इस क्षेत्र को नोएडा “एक-टेंशन” कहने लगे हैं। मेट्रो न होना भी ट्रैफिक जाम का  एक बहुत बड़ा कारण है जिसे सरकार द्वारा पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा है।

ट्रैफिक में रुकावट की ये भी कारण
चिल्ला बॉर्डर पर, नोएडा और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों की जांच के लिए लगाए गए बैरियर भी एक या एक से अधिक लेन को ब्लॉक करते हैं। थोड़ा आगे एमसीडी टोल बूथ है, जो तीन लेन में से एक लेन पर कब्जा कर लेता है, जिससे नोएडा से दिल्ली और उसके आगे रोजाना जाने वाले लाखों वाहनों के लिए केवल दो लेन ही बचती हैं। टोल प्लाजा पार करने के बाद, ड्राइवरों, विशेष रूप से दोपहिया वाहन चालकों को, गड्ढों और उबड़-खाबड़ रास्तों से बचने के लिए अपनी गति धीमी करनी पड़ती है या रास्ता बदलना पड़ता है। शाम के समय, एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का सैलाब उमड़ पड़ता है। अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन से लेकर चिल्ला बॉर्डर तक, लगभग 5.8 किलोमीटर की दूरी पर, सैकड़ों ऑटो और कैब चालक सवारियों को लेने के लिए खड़े रहते हैं, जिससे अराजकता फैलती है।

सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा
लोगों ने जब इस जाम को देखा तो सोशल मीडिया के जरिए उनका गुस्सा फूटा। कई लोगों ने अपने ट्विटर (X) पर सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग कर उनसे मदद की गुहार लगाई। शनिवार की रात लोगों ने छुट्टी मनाने का सोचा तो वह रात का आनंद लेने निकले लेकिन उन्हें मिली जाम की मार। एक यूजर ने 'X' पर लिखा कि ये तो रोज का हाल है अगर मेट्रो चलाई जा चुकी होती तो यह मार नहीं झेलनी पड़ती। वहीं कुछ लोगों ने लिखा कि क्या यही 10 साल का मास्टरप्लान था। लोगों ने इस परेशानी का इतना उल्लेख किया कि ट्विटर पर ट्रैफिक जाम ट्रेंड करने लगा। अब लोगों को बस सीएम साहब से उम्मीद है कि वह इन बुरे हालातों को देखें और इस समस्या का निवारण करें।

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