Greater Noida West : यूपी रेरा अब अजनारा ली गार्डन फेज-3 परियोजना का निर्माण अपनी निगरानी में कराएगा। इसका निर्माण 2025 तक पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का निर्माण प्रोमोटर मेसर्स अजनारा रियलटेक प्रालि कर रहा था। यूपी रेरा के चेयरमैन टी वेंकटेश ने कहा कि हम रुके पड़े परियोजनाओं के सभी हितधारकों और विशेष रूप से आवंटियों के हितों की रक्षा करने के सभी सम्भव प्रयास कर रहे हैं। अजनारा लीगार्डन फेज-3 इस क्रम में 16वीं परियोजना है, जिसमें शेष विकास कार्य को प्रोमोटर और आवंटियों की आपसी सहमति से पूरा करने की मांग की गई है।
4 टावर का काम होगा पूरा
रेरा ने परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया। इसमें पाया कि परियोजना का महज 35 प्रतिशत काम पूरा हो सका है। रिपोर्ट के अनुसार अजनारा ली गार्डन फेज-3 परियोजना के 4 टावर में कुल 585 इकाइयों का निर्माण होना है। परियोजना में 476 इकाइयों की बिक्री हुई है। जबकि 109 इकाइयों का विक्रय होना है। परियोजना को पूर्ण करने के लिए लगभग 187 करोड़ जुटाए जा सकते है, जिसमें प्रोमोटर द्वारा 4 करोड़ की राशि एस्क्रौ एकाउंट में जमा किया जाएगा, मौजूदा आवंटियों से 112 करोड़ रुपए प्राप्त होने है। शेष इकाइयों की बिक्री से लगभग 71 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं। जबकि परियोजना को पूरा करने और अन्य सभी प्रकार के व्यय की अनुमानित लागत लगभग 187 करोड़ रुपए है।
वर्ष 2014 में लॉन्च हुई थी परियोजना
अजनारा ली गार्डन के फेज-3 परियोजना का निर्माण अजनारा रियलटेक प्रालि द्वारा जीएच-2 सेक्टर 16 ग्रेटर नोएडा वेस्ट में किया जा रहा है। परियोजना के प्रोमोटर मेसर्स अजनारा रियलटेक प्रालि द्वारा परियोजना वर्ष 2014 में लांच की गई। उप्र रेरा में 2017 में पंजीकृत कराई गई। जिसकी वैध पंजीकरण अवधि 31 दिसम्बर 2020 तक थी। परियोजना का निर्माण पूर्ण नहीं किया जा सका। प्रोमोटर द्वारा रेरा अधिनियम की धारा-6 के अन्तर्गत 1 साल और कोविड की प्रतिबंधों के कारण मिलने वाले 6 माह का लाभ उठाया जा चुका था। इस प्रकार से परियोजना की पंजीयन 29 जून 2022 को समाप्त हो चूका था। ऐसे में इस परियोजना के निर्माण स्तर को देखते हुए रेरा अधिनियम की धारा-8 के प्राविधानों के अन्तर्गत ही निर्माण पूर्ण करने का रास्ता बचा था।
इन शर्तों के साथ करना होगा निर्माण
प्रोमोटर 4 करोड़ की अग्रिम राशि अगले 3 माह में परियोजना के नाम पर एक अलग बैंक खाते में जमा करेगा। इसी एस्क्रौ अकाउंट में भविष्य के सभी भुगतानों की प्राप्ति, आवंटियों की शेष धनराशि और वित्तपोषकों से ली गई सहायता राशि, यदि कोई हो, जमा की जाएगी।
इन अफसरों की निगरानी में होगा काम
उप्र रेरा चेयरमैन की देखरेख में परियोजना प्रगति निगरानी परियोजना सलाहकार एवं निगरानी समिति पीएएमसी और एक सदस्य द्वारा की जाएगी। इसके अलावा निगरानी समिति में जीएनआईडी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ-साथ यूपी रेरा के कंसीलिएशन सलाहकार, वित्त नियंत्रक, तकनीकी सलाहकार, विशेष रूप से नियुक्त निर्माण सलाहकार, परियोजना प्रबंधन प्रभाग पीएमडी और आवंटी संघ के सदस्य भी शामिल होंगे।