खास रिपोर्ट : नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली और गुरुग्राम में बिल्डरों के खाली पड़े 1.01 लाख फ्लैट, इन 8 प्रमुख शहरों में 7 लाख से अधिक आवासीय इकाइयां खाली

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Greater Noida Desk : एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 1.01 लाख फ्लैट खाली पड़े है। प्रॉपटाइगर का मानना है कि बेंगलुरु (Bangalore) और कोलकाता (Kolkata) के बिल्डर अपने बिना बिके मकानों को 31 माह में बेच सकेंगे। ऑस्ट्रेलिया के आरईए समूह (REA Group of Australia) और न्यूज कॉर्प (News Corp) के स्वामित्व वाले तीन रियल एस्टेट पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम, प्रॉपटाइगर और मकान डॉट कॉम सलाहकार और ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करते हैं।

अहमदाबाद में 62,602 फ्लैट खाली
प्रॉपटाइगर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के 8 प्रमुख शहरों में बिल्डरों के पास 31 मार्च 2022 तक करीब 7,35,852 आवासीय इकाइयां ऐसी थीं, जो बिक नहीं पाई हैं। पिछले साल मार्च में ऐसे फ्लैटों की संख्या 7,05,344 थी। सबसे ज्यादा बिना बिके फ्लैट दिल्ली-एनसीआर में हैं। वहीं, बेंगलुरु और कोलकाता में इनकी संख्या सबसे कम है। 31 मार्च 2022 तक अहमदाबाद में 62,602 आवासीय इकाइयां खाली थीं। अहमदाबाद के फ्लैटों की बिक्री में 42 महीने का समय लगने का अनुमान है। 

बेंगलुरु में 66,151 फ्लैट खाली
वहीं, बेंगलुरु में खाली घरों की संख्या 66,151 और कोलकाता में 23,850 थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु और कोलकाता के बिल्डरों को अपने खाली फ्लैटों को बेचने में 31 माह का समय लगेगा। इसी तरह चेन्नई में बिना बिके खाली पड़े घरों की संख्या 34,059 है। इन्हें बेचने में बिल्डरों को 34 महीने लगेंगे। हैदराबाद में 73,651 घर खाली पड़े हैं। इनकी बिक्री में 42 महीने का समय लगने का अनुमान है। मुंबई और पुणे में बिना बिकी आवासीय इकाइयों की संख्या क्रमश: 2,55,814 (बेचने में 48 महीने का समय लगेगा) और 1,18,321 (32 महीने का समय) है। 

एनसीआर का सबसे ज्यादा बुरा हाल
दिल्ली-एनसीआर के बाजार में खाली पड़े फ्लैटों की संख्या 1,01,404 इकाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिल्डरों को इन फ्लैटों को बेचने में छह साल से अधिक यानी 73 महीने का समय लगेगा। पिछले सप्ताह प्रॉपटाइगर ने कहा था कि आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च के दौरान घरों की बिक्री साल-दर-साल आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 70,623 इकाई हो गई है।

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