बड़ी खबर : विद्युत निगम के 11 जेई और 6 एसडीओ हटाए गए, जांच के बाद हुई बड़ी कार्रवाई

Google Image | निर्माण कार्यों के लिए अस्थाई कनेक्शन देने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा



Gautam Buddh Nagar : ग्रेटर नोएडा और जेवर के इलाकों में निर्माण कार्यों के लिए अस्थाई कनेक्शन देने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्राथमिक जांच के बाद पॉवर कॉरपोरेशन ने 23 अभियंताओं को जिम्मेदार माना है और उन्हें पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम से हटाकर दूसरे डिस्कॉम में भेजा गया है। मंगलवार को इन सभी के ट्रांसफर का ऑर्डर मुख्य अभियंता कार्यालय को मिल गया था। बताते चलें कि इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है।

जिले के कई सेक्शन में विद्युत विभाग की तरफ से बड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई थी। खासकर जिले के अष्टम, चतुर्थ और ग्रेटर नोएडा खंड में निर्माण कार्यों के लिए दिए गए अस्थायी कनेक्शन में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया था। शिकायतें मिलने के बाद पॉवर कॉरपोरेशन ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर मामले की जांच शुरू की। यह कमेटी अगस्त के पहले हफ्ते में गौतमबुद्ध नगर पहुंची थी। टीम ने पूरे मामले की जांच की थी। इसके बाद निगम ने तबादले की कार्यवाही की है।

ग्रेटर नोएडा, जेवर और दादरी में हुआ खेल
जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में तैनात 6, जेवर के अष्टम खंड से चार और दादरी के चतुर्थ खंड से एक अवर अभियंता और 6 एसडीओ को पीवीवीएनएल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। साथ ही मेरठ, बुलंदशहर और शामली में तैनात तीन अधिशासी अभियंताओं का भी ट्रांसफर किया गया है। इनमें दो पहले गौतमबुद्ध नगर में तैनात थे। प्रमोशन के बाद उन्हें यहां से भेजा गया था। जबकि एक अधिशासी अभियंता का तबादला किया गया है। पावर कॉरपोरेशन से बड़ी संख्या में ट्रांसफर के आदेश से विद्युत निगम में अफरातफरी मची हुई है।

इन्हें नए डिस्कॉम में भेजा गया
जिन अफसरों पर गाज गिरी है, उनमें अवर अभियंता में दादरी में तैनात डालचंद, ग्रेटर नोएडा में तैनात अरविंद कुमार, बृज किशोर राय, सुभाष चंद्र गौतम, महेश कुमार, राजकुमार, नीरज कुमार गुप्ता और जेवर में तैनात विशाल शर्मा, साजिद अहमद, जय सिंह वर्मा, चंद्रशेखर महतो शामिल हैं। सहायक अभियंता में जेवर में तैनात अविनाश श्रीवास्तव, होपेंद्र कुमार, संजीव कुमार और ग्रेटर नोएडा में तैनात प्रेमशंकर, चंद्रवीर तथा नरेंद्र कुमार को नए जगह पर तैनाती दी गई है। इन सभी पर बिना मीटर बिजली आपूर्ति करने, खराब मीटर ठीक न करने, बिजली खपत से कम लोड का कनेक्शन देने तथा बिजली भुगतान नहीं होने के बावजूद आपूर्ति जारी रखने के आरोप लगे थे। जिसकी जांच पावर कॉरपोरेशन विभाग से की गई थी।

अफसरों पर सवाल
हालांकि जनपद में विद्युत निगम में गड़बड़ी सामने आने के बाद एक बार फिर बड़े अफसरों की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले साल खंड 1 में 1.54 करोड़ का भ्रष्टाटार पकड़ा गया था। उसके बाद छोटी-मोटी अनियमितताएं सामने आती रहीं।  लेकिन अब बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसको लेकर अफसरों की भूमिका शक के घेरे में है। निगम से जुड़े लोगों का कहना है कि मामले में विद्युत निगम को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। जनपद में अस्थायी कनेक्शन उपभोक्ताओं पर भारी रकम बकाया है। जिसकी वसूली बेहद मुश्किल है।

मुख्यालय से 11 अवर अभियंता और 6 एसडीओ के स्थानांतरण के आदेश की कॉपी मिली है। उसका पालन कराया गया है। इन सभी के खिलाफ शिकायतें मिली थीं और पावर कॉरपोरेशन स्तर से इसकी जांच की गई थी।
- वीएन सिंह, मुख्य अभियंता

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