मेक इन इंडिया को बढ़ावा : ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर विकसित होंगे नए हाईटेक शहर, सरकार ने शुरू की तैयारी 

Tricity Today | Greater Noida



Greater Noida News : भारत सरकार ने देश में औद्योगिक विकास को नई गति देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। जिसमें सरकार देशभर में 12 नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल शहर बसाने की तैयारी कर रही है। इन नए शहरों में आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ स्मार्ट तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इससे न केवल उद्योगों को बेहतर माहौल मिलेगा, बल्कि वहां रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता भी सुधरेगी। ये नए शहर उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और गुजरात के धोलेरा की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे।


भूखंडों का आवंटन का काम
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और गुजरात के धोलेरा की तरह दो औद्योगिक शहर आंध्र प्रदेश और एक बिहार में विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि ऐसे आठ शहर पहले से ही अमल के विभिन्न चरणों में हैं। गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक (औरंगाबाद), मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी और आंध्र प्रदेश के कृष्णापत्तनम में इन शहरों की बसावट के लिए सहयोगी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा चुका है और अब उद्योगों के लिए भूखंडों के आवंटन का काम चल रहा है।

12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा
इसी तरह चार अन्य औद्योगिक शहरों में भी सरकार की विशेष इकाई वाहन सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की प्रक्रिया में जुटी हुई है। आठ शहर पहले से ही विकास के चरण में हैं और बजट में 12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा की गई है, जिससे देश में इन शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि ये औद्योगिक स्मार्ट शहर हैं। इन 12 नए शहरों के आने पर कुल संख्या 20 हो जाएगी। हमने बुनियादी ढांचा खड़ा करने के बाद भूखंड आवंटित किए। हम पूरे शहर के लिए पर्यावरण मंजूरी लेते हैं, लिहाजा वहां जाने वाली कंपनी को सिर्फ अपना काम शुरू करना होता है।

पैदा होंगे रोजगार
इस कदम से देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। ये परियोजनाएं गतिशील आर्थिक केंद्र बन जाएंगी जो विकास और नवाचार को बढ़ावा देंगी और स्थायी प्रभाव पैदा करेंगी। बता दें कि मंगलवार को पेश 2024-25 के बजट में सरकार ने विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने जैसे अन्य उपायों की भी घोषणा की है।

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