Tricity Today | 'न तो प्राधिकरण सुन रहा है और न ही प्रशासन मदद कर रहा है'
Noida : सेक्टर-17 ए की सुपरटेक अपकंट्री के निवासियों के आमरण अनशन को आज 15वां दिन हो गया है। यमुना प्राधिकरण के कार्यालय में बायर्स थाली बजाकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके फ्लैट की न तो रजिस्ट्री हो रही है, और न ही उनको मूलभूत सुविधाएं मिल रही है। निवासियों का आरोप है कि पिछले दिनों सेक्टर-93 के सुपरटेक के ऑफिस जब हम अपनी मांगों को लेकर पहुंचे थे, बात सुनने के बजाय वहां पर बिल्डर के प्रतिनिधियों ने तेज ठंड में पानी की बौछार कर दी थी। अब ये धरना वहा से हटकर, यमुना प्राधिकरण के कार्यालय के बाहर चल रहा है।
घर खरीदारों की ऊहापोह, नहीं सुन रहा बिल्डर और प्रशासन
दर-दर की ठोकरें खा रहे निवासी सुपरटेक अपकंट्री के निवासी बीएन गुप्ता का कहते है कि आज हमें 15 दिन हो गए है, यही सोते है यही उठते है, मांगे क्या है वो तो बाद मे बताये, पहले कोई आकर पूछे कि तकलीफ क्या है। मांग सुनते नहीं, उल्टा पानी की बौछार करके दर्शाना क्या चाहते है ?
आंचल कोहली कहती है कि क्या हम पागल है जो अपना सारा पैसा सुपरटेक बिल्डर को दे दिया है। उसके बावजूद भी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हुई है। हम सभी निवासी अपनी मांगों को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। जब तक मांगे पूरी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
जानिये क्या है मामला
बिल्डर ने दस साल पहले पजेशन का प्रलोभन दिया था, लेकिन इतने साल में भी न तो फ्लैट मिला न खाली जमीन आज ये लोग प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। किसी ने सुपरटेक गोल्फ कंट्री में पैसा लगाया था और किसी ने सुपरटेक अप कंट्री में। इनमे से किसी को तो घर मिला ही नहीं और जिन्हे मिला, उनके घर की रजिस्ट्री नहीं हुई। इनका कहना है कि कोई अधिकारी उनकी नहीं सुन रहा है। जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, इन लोगों का अनशन जारी रहेगा।
'30 से 40 हजार रुपए बैंक को देना पड़ता है'
अंजना सिंह कहती है कि उन्होंने अपने जीवन की सारी कमाई घर खरीदने में लगा दी, लेकिन बदले में उनको केवल धोखा मिला है। हम अपने घर में ही किराएदार के रूप में रह रहे हैं। हमको बैंक को 16% का ब्याज देना पड़ता है। हर महीना 30 से 40 हजार रुपए बैंक के ब्याज में चले जाते हैं।
12 सालों पहले हुई थी बैठक, लेकिन कोई समाधान नहीं
कैलाश चंद का कहना है कि वर्ष 2011 में एक बैठक हुई थी, उस बैठक में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी शामिल हुए थे। बैठक में कहा गया था कि बहुत ही जल्द लोगों को अपने फ्लैट पर मालिकाना हक मिल जाएगा, लेकिन आज इसको 12 साल हो गए हैं, अभी तक निवासियों को उनका हक नहीं मिला है।
'30 लाख चुकाकर भी नहीं मिला फ्लैट'
राकेश भसीन बताते है कि मैंने सुपरटेक में फ्लैट बुक करवाया था 2010 में और उसके एवज में 30 लाख रुपया भी दिया था। 2013 में पजेशन मिलना था। आजतक वहां कुछ भी नहीं बना है।
'हमारा शोषण हो रहा है'
होम बायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद कहते है कि न तो प्राधिकरण सुन रहा है और न ही प्रशासन मदद कर रहा है। हमने अपनी मांगो को लेकर शिकायत योगी आदित्यनाथ को भेजी है, लेकिन अभी तक उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। बिल्डर हमें परेशान कर रहा है और अपनी मांगों को उठाने पर हमारे साथ अभद्रता कर रहा है और हमारा शोषण किया जा रहा है।
सिर्फ योगी आदित्यनाथ से मदद की आस
कर्नल सुबोध का कहना है कि हम सुपरटेक बिल्डर से काफी परेशान हो चुके हैं। हमें उम्मीद है की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मुद्दे को देखेंगे और जल्द से जल्द इसका समाधान करेंगे। निवासियों का कहना है कि हमारा दर्द काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है और अब नोएडा प्राधिकरण भी हमारी तरफ नहीं दिख रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में केवल योगी आदित्यनाथ से ही मदद की आस है।