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ग्रेटर नोएडा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा में फार्मूला वन रेस ट्रैक बनाने के लिए जेपी स्पोर्ट्स इन्टरनेशनल लिमिटेड को दी गई भूमि के अधिग्रहण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की. हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत सात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया है. इन सभी को नौ नवम्बर को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया है.
हाईकोर्ट ने सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी तलब किया है. याचिकाकर्ता भान सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सारे दस्तावेज अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया था. आदेश के बावजूद यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के अधिकारियों द्वारा कोर्ट में अधिग्रहण के रिकार्ड पेश नहीं किए. इसे कोर्ट की अवमानना माना है.
कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह, सीनियर मैनेजर संदीप कुमार, असिस्टेंट मैनेजर शिव कुमार, एक्जीक्यूटिव वैभव गुप्ता, सीनियर मैनेजर अजय राय और तहसीलदार वीके गुप्ता के खिलाफ आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है. मामले की सुनवाई बुधवार को भी जस्टिस अरुण टण्डन और जस्टिस नाहिद आरा मुनीश की डिवीजन बेंच में जारी रहेगी.
गौरतलब है कि अधिग्रहण के जनहित में नहीं होने और निजी कम्पनी जेपी के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने के आधार पर याचिका में चुनौती दी गई है. इसके साथ ही अधिग्रहण में गलत तरीके से अरजेंसी क्लॉज का उपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है. अदालत के सख्त रुख से प्राधिकरण अफसरों में हड़कम्प मच गया है.
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