Greater Noida : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब रुकी हुई बिल्डर परियोजनाओं में रजिस्ट्री में हुई देरी पर खरीदारों से जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। यह निर्णय आगामी छह महीनों के लिए लागू किया गया है।
100 करोड़ रुपये की राहत
इस फैसले से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बिल्डर परियोजनाओं में लगभग 40 हजार खरीदारों को करीब 100 करोड़ रुपये की राहत मिलने की उम्मीद है। वर्तमान में 12 हजार खरीदार इस निर्णय से तत्काल लाभ प्राप्त करेंगे। साथ ही, आने वाले छह महीनों में 28 हजार से अधिक खरीदारों को प्रत्येक रजिस्ट्री में दो से ढाई लाख रुपये तक का अतिरिक्त लाभ मिलने की संभावना है।
प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना
पहले, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में निर्धारित समय सीमा के बाद रजिस्ट्री कराने में देरी होने पर प्राधिकरण 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूलता था। हालांकि, इस समस्या का मुख्य कारण ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट का न होना या बिल्डर द्वारा प्राधिकरण का बकाया न चुकाना होता था। इस अतिरिक्त बोझ को हटाने और घर खरीदारों को अनावश्यक आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए नेफोवा (NEFOWA) लंबे समय से मांग कर रही थी।
धीरेंद्र सिंह ने की पैरवी
जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह की ओर से शासन में की गई पैरवी के बाद यह छह महीने की छूट दी गई है। ग्रेटर नोएडा में वर्तमान में 96 परियोजनाओं में हजारों खरीदारों के फ्लैट और रजिस्ट्री अटकी हुई है। इन परियोजनाओं पर प्राधिकरण का हजारों करोड़ रुपये का बकाया है।
अमिताभ कांत समिति
इस समस्या के समाधान के लिए, प्राधिकरण ने नीति आयोग द्वारा गठित अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किया था। इसके तहत, बिल्डरों को बकाये का 25 प्रतिशत प्राधिकरण में जमा करने के बाद खरीदारों की रजिस्ट्री शुरू करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इस नीति में रजिस्ट्री में देरी पर खरीदारों से भी 100 रुपये प्रतिदिन जुर्माना वसूलने का प्रावधान था।