गौतमबुद्ध नगर जेल में बवाल : 400 कैदी भूख हड़ताल पर बैठे, पर्ची काटने को लेकर हुआ विवाद, बंदी रक्षकों को बल प्रयोग करना पड़ा

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Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की जिला कारागार लुक्सर में सोमवार को बड़ा बवाल हुआ है। लगभग 400 कैदियों को बुलंदशहर, मुज्जफरनगर, सहारनपुर और गाजियाबाद से सोमवार को ही यहां भेजा गया है। कैदियों ने जिला कारागार पहुंचते ही भूख हड़ताल शुरू कर दी। कैदियों की भूख हड़ताल के चलते सोमवार शाम को जेल से रिहा होने वाले बंदियों को भी समस्या का सामना करना पड़ा। शाम लगभग 6 से 7 बजे तक छूटने वाले कैदी रात 10 बजे छोड़े गए हैं। दूसरी तरफ जेल प्रशासन का कहना है कि बंदियों ने नाजायज मांग की। जिसे नकारने पर कुछ बंदियों ने हंगामा करने की कोशिश की।

क्या है मामला
सोमवार की देर शाम जिला कारागार में अन्य जनपदों से लगभग 400 कैदियों को शिफ्ट किया गया है। सूत्रों की मानें तो कैदियों की शिफ्टिंग के दौरान एक पर्ची काटी जाती है। जिसमें कैदियों से काम नहीं करने की एवज में कुछ रकम ली जाती है। अन्य जिलों से लुक्सर जेल में शिफ्ट हुए कैदियों से जैसे ही पर्ची काटने की प्रक्रिया शुरू की गई तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। सूत्र बताते हैं कि पर्ची काटने के लिए बुलंदशहर, मुज्जफरनगर, सहारनपुर और गाजियाबाद की जेलों से कहीं ज्यादा रकम मांगी गई। जिसको लेकर बवाल हुआ है। जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में बिना पर्ची काटे ही कैदियों को अंदर जाने की अनुमति दे दी गई।

वक्त पर रिहा नहीं हो पाए बंदी 
सूत्र बताते हैं कि जेल में पहुंचे कैदियों ने पर्ची नहीं कटवाने का ऐलान कर दिया और भूख हड़ताल शुरू कर दी। शाम लगभग 7 बजे से रात 10 बजे तक कैदी भूख हड़ताल पर रहे हैं। इसके बाद जेल प्रशासन ने बल प्रयोग करके उन्हें भूख हड़ताल से उठाया है। कैदियों की भूख हड़ताल के चलते सोमवार को रिहा होने वाले बंदियों को भी समस्या का सामना करना पड़ा है। रिहा होने वाले कैदियों के परिजनों ने घंटो जेल परिसर के बाहर इंतजार किया। शाम लगभग 6 से 7 बजे छूटने वाले कैदियों को रात 11 बजे जेल से छोड़ा गया है।

इस बारे में जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर जेल से आए कैदी एक साथ रहना चाहते थे, लेकिन जेल मैनुअल के अनुसार जेल प्रशासन उनको अलग-अलग रख सकता है। कैदियों की मांग पर उनको जेल मैनुअल के बारे में समझाया गया। इसके बाद अलग-अलग शिफ्ट कर दिया गया है। पर्ची काटने अथवा अन्य कोई प्रक्रिया जेल में नहीं होती है। कैदियों ने कोई भूख हड़ताल नही की है।

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