गौतमबुद्ध नगर के कोविड अस्पतालों में स्थानीय लोगों को इलाज नहीं मिलने से क्षुब्ध पतवाडी गांव के निवासी पूर्व प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता टीकम सिंह ने नोडल इंचार्ज नरेंद्र भूषण को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने जनपद के कोविड अस्पतालों में बड़े स्तर पर धांधली का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है। साथ ही इन हॉस्पिटल में इलाजरत और पिछले 20 दिनों में ठीक हुए मरीजों की जानकारी सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है। दरअसल इस वक्त गौतमबुद्ध नगर कोरोना के कहर से बेहाल है। मई माह के सिर्फ तीन दिन में ही 4500 लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। लेकिन यहां के ज्यादातर निवासियों को कोविड केयर हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा। लोग इससे नाराज हैं और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक की जा रही है।
रोजाना खाली हो रहे बेड
महंत टीकम सिंह कई महत्वपूर्ण मामलों में जनहित याचिकाएं डाल चुके हैं। पत्र में उन्होंने लिखा है, “गौतमबुद्ध नगर के निगरानी अधिकारी डॉक्टर सुनील दोहरे ने बताया है कि आज जनपद में 1571 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। जबकि पिछले 24 घंटे में 1303 मरीज अस्पताल से ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। 12 लोगों की मौत हो गई है। कुल मिलाकर नोएडा के हॉस्पिटलों में आज 1315 बेड खाली हुए हैं। कल भी 1200 बेड खाली हुए थे। गत 2 दिन में लगभग 2500 बेड खाली हुए हैं। फिर भी इस जिले के मूलनिवासी या यहां रहने वाले लोगों को एक भी बेड नहीं मिला है। मेरा आपसे निवेदन है कि इन सब की जांच कराएं।”
दो लाख रुपये लेकर देते हैं बाहरी लोगों को बेड
उन्होंने आगे लिखा है, “इन अस्पतालों में खाली बेड पर किन लोगों को इलाज दिया जा रहा है। मुझे जो सूचना मिली है, इन सभी हॉस्पिटल में बाहर के लोगों से एक से दो लाख रुपए की रिश्वत लेकर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। पहले से इन बेड पर फर्जी मरीज भर्ती हैं। इनको पॉजिटिव दिखाकर एडमिट किया जाता है। जब भी कोई मोटी रकम देता है, उसे बेड दे दिया जाता है। पहले से भर्ती इन मरीजों को नेगेटिव दिखा कर डिस्चार्ज कर दिया जाता है। आम जनता को इस जिले में एक बेड नहीं मिल रहा है। मेरे गांव पतवाड़ी में आज भी दो-तीन मौत हुई हैं। कल भी दो-तीन मौत हुई थीं। परसों भी दो-तीन मौत हुई हैं। मौतों का सिलसिला जारी है। घर-घर यह महामारी की बीमारी फैल गई है। किसी को बेड, ऑक्सीजन और अस्पताल नसीब नहीं हुआ। किसी को इलाज नहीं मिल रहा है।”
सबकी सूची सार्वजनिक की जाए
पूर्व प्रधान टीकम सिंह ने शहर के लोगों की समस्या से नरेंद्र भूषण को अवगत कराया है। उन्होंने लिखा है,”आपसे निवेदन है कि पिछले 20 दिन में जिन लोगों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है, उनकी सूची सार्वजनिक की जाए। ताकि पता चल सके कि किन लोगों को एडमिट किया गया है। सबकी सूची सार्वजनिक की जाए। जिले के हॉस्पिटल बहुत बड़े घोटाले में संलिप्त हैं। इसमें आप के कुछ अधिकारी भी संलिप्त हैं। हमें अब ऐसा लग रहा है कि इसमें आप भी शामिल हैं। अगर आप कल तक लिस्ट सार्वजनिक करने की कार्रवाई नहीं करेंगे, तो हम समझेंगे कि आप भी शरीक हैं।”
जनपद के लोगों का नहीं हो रहा इलाज
सामाजिक कार्यकर्ता टीकम सिंह ने नोडल अफसर नरेंद्र भूषण से अनुरोध करते हुए लिखा है, “बीते 10 अप्रैल से लेकर आज तक जिले के कोविड अस्पतालों में जितने भी मरीज एडमिट और डिस्चार्ज हुए हैं, उन सबकी सूची सार्वजनिक की जाए। साथ ही इसकी जांच होनी चाहिए कि प्रतिदिन 1000-1500 बेड खाली होने के बावजूद जिले के किसी भी नागरिक को क्यों बेड नहीं मिल रहा है? यहां के अस्पताल पूरे हिंदुस्तान के निवासियों का इलाज कर रहे हैं। पूरे यूपी में इस जिले में सबसे ज्यादा लोग हैं। लेकिन सबसे कम गैस यहां मिल रही है। जनपद के हर गांव के हर घर में कोरोना के मरीज हैं। उन सभी को ऑक्सीजन की जरूरत है। इन सबका संज्ञान और जानकारी लेते हुए तत्काल इसकी जांच कराएं। गैर-कानूनी कृत्यों में शामिल अस्पतालों-कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई करने की कृपा करें। जनपद में होने वाली मौतों के लिए हॉस्पिटल और सरकारी कर्मचारी जिम्मेदार हैं। यहां लापरवाही की जा रही है।”