Dadri Lynching Case : गौतमबुद्ध नगर में बिसाहड़ा गांव के अखलाक हत्याकांड में अब गवाही का सिलसिला शुरू हो गया है। मंगलवार और बुधवार को इस हत्याकांड की एकमात्र चश्मदीद गवाह शाइस्ता ने बयान दर्ज करवाए हैं। शाइस्ता, अखलाक की बेटी है। उसके साथ बचाव पक्ष के वकील जिरह कर रहे हैं। हत्यारोपी रूपेंद्र, विवेक, गौरव, सौरभ और भीम उर्फ रविंदर की ओर से मुकदमा लड़ रहे एडवोकेट ब्रह्मदत्त गौड़ से 'ट्राईसिटी टुडे' ने विस्तृत चर्चा की है। एडवोकेट ब्रह्मदत्त गौड़ ने बताया कि चश्मदीद गवाह ने गांव के 9 और लोगों को हत्याकांड में शामिल बताया है। इन लोगों पर आरोप लगाया है कि जब शाइस्ता और उसके परिवार के घायल सदस्यों को पुलिस अस्पताल लेकर जा रही थी तो इन आरोपियों ने रास्ता रोक लिया था।
शाइस्ता का आरोप- पुलिस जीप के सामने रास्ता रोककर खड़े हो गए थे 9 लोग
शाइस्ता ने अदालत को बताया है कि भीड़ ने हमला करके उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को घायल कर दिया था। सूचना मिलने पर पुलिस गांव में पहुंची। पुलिस ने सायरन बजाया तो हमलावर भीड़ फरार हो गई। जब पुलिस शाइस्ता और उसके परिवार के घायल सदस्यों को अस्पताल लेकर जा रही थी तो गांव के 9 लोगों ने रास्ता रोक लिया था। यह सारे लोग पुलिस जीप के सामने खड़े हो गए थे। शाइस्ता ने अदालत में कहा, "यह सारे लोग हमारे गांव के रहने वाले हैं। सभी गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे। कह रहे थे कि अखलाक ने काली पन्नी में गाय का मांस और हड्डियां भरकर फेंकी हैं। अखलाक को हमने देख लिया। यह भी कह रहे थे कि अखलाक और उसके परिवार वालों ने जैसा किया है, उनको हमने सजा दे दी है। पुलिस वाले हमें इन लोगों से किसी तरह बचाकर जीप में बैठाकर अस्पताल ले गए थे।"
गवाह का आरोप- पहले पुलिस और फिर मजिस्ट्रेट को नाम बताए, दर्ज नहीं किए
शाइस्ता ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्टट्रैक प्रथम) की अदालत में यह बयान दर्ज करवाए हैं। बचाव पक्ष के वकील एडवोकेट ब्रह्मदत्त गौड़ ने बताया कि शाइस्ता ने पुलिस, विवेचना अधिकारी और मजिस्ट्रेट पर आरोप लगाए हैं। चश्मदीद गवाह का कहना है कि उसने इन 9 लोगों के नाम पुलिस को बताए थे। उन्होंने इनके नाम दर्ज नहीं किए। बाद में मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान में इन लोगों के नाम लिए थे। मजिस्ट्रेट ने भी इनके नाम दर्ज नहीं किए हैं। शाइस्ता ने इन सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है।
शाइस्ता ने इन 9 लोगों पर लगाए आरोप 1. संजय राणा पुत्र रामपाल 2. प्रेम पुत्र विशंभर 3. कंछी पुत्र रामजीलाल 4. ओमपाल पुत्र बलजीत 5. सूरज पाल पुत्र रघुराज 6. रणवीर पुत्र राजेंद्र 7. ओम महेश पुत्र तेजू 8. जतन पुत्र मुसद्दी 9. सतेंद्र पुत्र यशपाल
अब इन लोगों के खिलाफ क्या होगा
एडवोकेट ब्रह्मदत्त गौड़ का कहना है कि जिन 9 लोगों पर चश्मदीद गवाह ने आरोप लगाए हैं, इनके खिलाफ न्यायालय विचारण कर सकता है। अभी गवाही और जिरह का सिलसिला चल रहा है। यह मुख्य विचारण पूरा करने के बाद अदालत इन 9 लोगों के खिलाफ अलग से विचरण कर सकती है। ऐसे में न्यायालय इन सभी लोगों को आरोपी बनाकर आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत समन करेगी। हालांकि, इस प्रक्रिया के खिलाफ यह लोग प्रयागराज हाईकोर्ट में राहत की मांग कर सकते हैं।
अखलाक हत्याकांड में कब क्या हुआ - 28 सितंबर 2015 की रात बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। - 24 दिसंबर 2015 को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने हत्याकांड के 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। - 31 जुलाई 2017 को इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विशाल राणा को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। - 15 अक्टूबर 2017 को स्थानीय विधायक की मदद से हत्याकांड के 15 आरोपी युवकों को एनटीपीसी में नौकरी दी गई। - 12 फरवरी 2021 को जिला न्यायालय ने सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। - 14 जून 2022 को चश्मदीद गवाह और तहरीर की लेखक शाहिस्ता ने अदालत में बयान दर्ज करवाया। शाहिस्ता अखलाक की बेटी है।