ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का हाल : स्वास्थ्य विभाग में हुआ बड़ा घोटाला, आरटीआई में हुआ खुलासा

Tricity Today | Greater Noida Authority



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। समाजसेवी आर्यन खारी द्वारा दायर किए गए एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन में यह जानकारी सामने आई है कि प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दो साल में एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग के लिए कितना खर्च किया। इसका कोई सटीक ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया।

वास्तविक आंकड़ा प्राप्त नहीं
आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह कहा कि उनके पास इस खर्च का कोई विवरण नहीं है। विभाग ने बताया कि कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति जैमपेटल से की जाती है और मानव संसाधन आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से लिए जाते हैं। जबकि ईंधन की आपूर्ति पेट्रोल पंप से की जाती है। हालांकि, इस विवरण से खर्च का वास्तविक आंकड़ा प्राप्त नहीं हुआ।

साफ जवाब देने से किया इंकार
आर्यन खारी ने बताया कि प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की ऑडिट की गई रिपोर्ट के बावजूद भी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए खारी का मानना है कि यह एक बड़ा घोटाला हो सकता है।

किसी भी जिम्मेदार अफसर का ध्यान नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई भी जवाब देने से साफ इनकार कर दिया। ग्रेटर नोएडा के निवासियों का कहना है कि प्राधिकरण के अधिकारी केवल कागजों पर काम कर रहे हैं और वास्तविक स्थिति की अनदेखी कर रहे हैं। शहर में जन-जनित बीमारियां फैल रही हैं, लेकिन प्राधिकरण का ध्यान इस ओर नहीं है।

लापरवाही साफ दिख रही
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर दो में रहने वाले आनंद सिंह ने कहा, "ग्रेटर नोएडा में बसने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन स्वास्थ्य के मामले में प्राधिकरण की लापरवाही साफ दिख रही है। हमने दिल्ली छोड़कर यहां बेहतर जीवन की उम्मीद की थी, लेकिन प्राधिकरण का स्वास्थ्य विभाग अपने दायित्व को निभाने में नाकाम रहा है।"

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