आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत (Gautam Buddh Nagar Jila Panchayat) के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। वैसे तो यह जिला पंचायत प्रदेश में सबसे छोटी है, लेकिन महज 5 उम्मीदवारों की घोषणा करने के लिए पार्टी को लंबी रस्साकशी करनी पड़ी है। अब जिन भाग्यशाली लोगों को भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है, उन्हें जिताने के लिए पार्टी ने व्हिप भी जारी कर दिया है। हालांकि, भितरघात का संकट गहरा गया है। दरअसल, इन भाग्यशाली उम्मीदवारों में कई ऐसे हैं, जिन्हें लेकर संगठन और जनप्रतिनिधि असमंजस में फंसे हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अब से थोड़ी देर पहले गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। भारतीय जनता पार्टी वेस्ट यूपी के महामंत्री हरीश ठाकुर ने बताया कि वार्ड नंबर-1 से मोहिनी जाटव उम्मीदवार बनाया गया है। यह अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित सीट है। वार्ड नंबर-2 से गीता देवी जिला पंचायत का चुनाव लड़ेंगी। यह निर्वाचन क्षेत्र अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। वार्ड नम्बर-3 से देवा भाटी को उम्मीदवार घोषित किया गया है। वार्ड नंबर-4 से सोनू प्रधान को और वार्ड नंबर-5 से अमित चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
वार्ड नंबर-1 से मोहिनी जाटव को टिकट दिया गया है। मोहिनी जाटव बिसाहड़ा गांव के रहने वाले ठाकुर मनोज सिंह की पत्नी।हैं वार्ड नंबर-2 से गीता देवी को टिकट दिया गया है। गीता देवी दुजाना गांव के निवासी पवन नागर की पत्नी हैं। पवन नागर ने पिछला जिला पंचायत चुनाव लड़ा था। वह चुनाव हार गए थे। बहुजन समाज पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पवन नागर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष हैं। वार्ड नंबर-3 से देवा भाटी को उम्मीदवार घोषित किया गया है। देवा भाटी भी भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हैं। देवा भाटी दतावली गांव के रहने वाले हैं। वार्ड नंबर-4 से सोनू प्रधान को उम्मीदवार बनाया गया है। सोनू प्रधान कोट गांव के रहने वाले हैं। वार्ड नंबर-5 से जिला भाजपा के महामंत्री अमित चौधरी चुनाव लड़ेंगे। अमित चौधरी चिपयाना बुजुर्ग गांव के निवासी हैं।
दरकिनार हुए दशकों पुराने पार्टी कार्यकर्ता
जिला पंचायत का टिकट मांगने वालों में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और किसान मोर्चा में प्रदेश पदाधिकारी रहे रकम सिंह भाटी भी शामिल थे। रकम सिंह भाटी करीब तीन दशक से पार्टी में सक्रिय हैं। ऐसे ही दूसरे दावेदार सुभाष भाटी थे। सुभाष भाटी भी करीब 30 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में काम कर रहे हैं। दोनों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने नए लोगों पर दांव खेला है। बड़ी बात यह है कि 5 उम्मीदवारों में केवल अमित चौधरी को छोड़कर बाकी सभी हाल फिलहाल ही भाजपा लहर देखकर अपने राजनीतिक दल छोड़कर आए हैं। इससे भारतीय जनता पार्टी के पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।
विटो के बावजूद दिग्गज पैरोकार भी हुए फेल
वार्ड नंबर-3 से भारतीय जनता पार्टी का टिकट बसपा छोड़कर आए बिजेंद्र भाटी लेना चाहते थे, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। बड़ी बात यह है कि बिजेंद्र भाटी को टिकट दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और दादरी के विधायक तेजपाल नागर पैरोकारी कर रहे थे।