Greater Noida : 26 अप्रैल को गौतमबुद्ध नगर वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के लिए मतदान करने जा रहे हैं। निष्पक्ष चुनाव के लिए पुलिस और जिला प्रशासन मिलकर काम कर रही है। कई बार फर्जी मतदाता की शिकायत पोलिंग एजेंट से लेकर अन्य लोग करते हैं। चुनाव आयोग (The Election Commission)ने मतदान के दिन फर्जी मतदाता पहचान के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें व्यवस्था की गई है कि किसी भी प्रत्याशी का एजेंट फर्जी मतदाता का पता लगाने के लिए दो रुपये की रसीद कटवाकर उसे चैलेंज कर सकता है। इसका मतलब यह है कि दो रुपये खर्च करने पर पता चल जाएगा कि मतदाता असली है या फर्जी। फर्जी मतदाता का दावा करने वाले पोलिंग एजेंट और दूसरे लोग को पीठासीन अधिकारी से संपर्क करना होगा।
फर्जी मतदाता की खैर नहीं
पीठासीन अधिकारी मतदाता से उसका नाम, पिता का नाम, पता, घर में कितने वोटर हैं आदि कई चीजों के बारे में पूछताछ करेगा। अगर वह इससे भी संतुष्ट नहीं होते है तो वह पार्षद या प्रधान को बुलाकर मतदाता के बारे में गवाही लेगा। यदि मतदाता यह साबित कर दे कि वही असली मतदाता है, तो उसे वोट डालने का मौका मिलेगा और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे फर्जी मतदाता मानकर उसके खिलाफ केस दर्ज कराया जा सकता है।
टेंडर वोट का सहारा ले सहारा
अगर कोई मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचता है। लेकिन उससे पहले उसके नाम पर वोट डाल दिया जाता है। तो वह टेंडर वोट का सहारा ले सकता है इसके लिए उसे पीठासीन अधिकारी के पास जाना होगा और उनसे संपर्क करना होगा। इसके बाद वोट डालने के लिए वह टेंडर वोट का सहारा ले सकता है। यदि मतदाता सूची में नाम होगा तो पीठासीन अधिकारी एक प्रपत्र पर मतदान कराते हैं। इसके बाद उस मतपत्र को लिफाफे में बंद कर देते हैं। मतगणना के समय कम वोट के अंतर से हार-जीत की स्थिति में ऐसे वोट की गणना की जाती है। इसे टेंडर वोट कहते हैं।