Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा अब एक शहर नहीं, बल्कि दुनियां भर के निवेशकों के लिए केंद्र बनकर उभरा है। अमेरिका, जापान, चीन, साउथ कोरिया जैसे देश यहां निवेश कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा महात्मा गांधी के लोकल सेल्फ गवर्नमेंट का उत्कृष्ट नमूना है। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में सीईओ नरेंद्र भूषण ने यह बात कही।
ऐसे होगा वसुधैव कुटुंबकम का सपना साकार
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद सीईओ ने अपने संबोधन में कहा, "हम सब भारतवासी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में बचपन से सुनते हैं। सत्य और अहिंसा को संदेश उन्होंने दिया। उसे हमें अपने जीवन में उतार पाना मुश्किल जरूर है लेकिन अगर उसका कुछ प्रतिशत भी अपने जीवन में उतार लिए तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। वसुधैव कुटुंबकम का सपना साकार हो जाएगा।
सभी को रोटी, कपड़ा और मकान देने पर फोकस
सीईओ ने आगे कहा, "गांधी जी की आर्थिक विचारधारा लोकल सेल्फ गवर्नमेंट से प्रेरित थी। सभी को रोटी, कपड़ा और मकान पर उनका फोकस था। ग्रेटर नोएडा शहर महात्मा गांधी की इस विचारधारा का उत्कृष्ट नमूना है। ग्रेटर नोएडा के हर गांव संपन्न हों। शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या फिर अन्य संसाधन, सभी से वे परिपूर्ण हो रहे हैं। ग्रेटर नोएडा सभी के लिए रोजगार के अवसर लाया है। यह शहर रोटी, कपड़ा और मकान की अवधारणा को पूरा करता है। देश-विदेश के युवाओं को ग्रेटर नोएडा में रोजगार मिला है, जिस तरह देश आजादी के बाद से सोने की चिड़िया बनने की राह पर है। उसी तरह ग्रेटर नोएडा भी आगे बढ़ रहा है।
आज विदेशों से आ रहा निवेश
नरेंद्र भूषण ने आगे कहा, "दुनिया के पटल पर ग्रेटर नोएडा निवेश का केंद्र बन गया है। साउथ कोरिया, अमेरिका, जापान, जर्मनी, चीन जैसे देशों के निवेशक यहां आ रहे हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। यहां की मालिक जनता है। किसान, रोजगार करने वाले हो या फिर यहा बसने वाले हमारे मालिक हैं। हमें उनकी आकांक्षाओं के हिसाब से काम करना चाहिए। उनकी क्या जरूरत है, हमें उनकी जरूरत के हिसाब से काम करना चाहिए।
सेक्टरों की तरफ गावों में भी आरडब्ल्यूए की जरुरत
सीईओ ने कहा, "सेक्टरों में आरडब्ल्यूए की तरह ही गांवों में भी विलेज वेलफेयर एसोसिएशन बनाकर काम करने की जरूरत है। किस काम पर पैसा खर्च करना है यह तय करने का अधिकार आरडब्ल्यूए और ग्रामीणों को है। हर गांव और सेक्टरवासियों के लिए बिजली, पानी, सीवर, स्कूल, खेल का मैदान, स्वास्थ्य सेवाएं, सफाई आदि सुविधाएं विकसित करें। गांवों को आधुनिक बनाने के लिए स्मार्ट विलेज की शुरुआत हो चुकी है। प्रदूषण कम करने के लिए पटरी पर घास लगाने की कोशिश की जा रही है।
जवानों की वजह से देश और हम सब सुरक्षित
उन्होंने कहा, "पूर्व प्रधाननमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जय जवान जय किसान का नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक है। जवानों की वजह से देश और हम सब सुरक्षित हैं। सूखा पड़ने के चलते उपज कम होती थी, जिससे लोगों को खाने के लिए नहीं मिल पाता था और उस समय हरित क्रांति की शुरुआत हुई। किसानों ने देश की जनता को खाली पेट सोने की समस्या से निजात दिलाया।
ऐसे बदला समय
सीईओ ने कहा, "आज का जमाना इंटरनेट का है। अब शासनादेश दो मिनट में पहुंच जाता है। स्पीड की कोई सीमा नहीं है। प्राधिकरण के हर कर्मचारी को हुनरमंद होने की जरूरत है। प्राधिकरण में वन मैप, जीआईएस या फिर ईआरपी के जरिए बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। इससे नो ड्यूज सर्टिफिकेट या फिर ट्रांसफर मेमोरंडम लेना हो, आवंटी खुद से प्रिंट कर लेगा।
दोनों का देश को आगे बढ़ाने में विशेष योगदान
इस अवसर पर एसीईओ दीपचंद्र ने कहा, "बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो समाजिक जीवन को प्रभावित कर पाते हैं, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री ऐसे ही महापुरुष हैं। राम राज्य की परिकल्पना हो या फिर अंत्योदय की, देश और दुनियां आज उसी परिकल्पना पर आगे बढ़ रहें हैं। एसीईओ अमनदीप डुली ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की बात कही। इस दौरान प्राधिकरण के सभी अधिकारी और कर्मचारियों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।