Greater Noida : ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए बड़ी खबर है। बहुत ही जल्द ग्रेटर नोएडा वासियों को नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड से छुटकारा मिल सकता है। प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र की पहली कंपनी नोएडा पावर को अधिग्रहण करने का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया है। वैसे तो कंपनी के लाइसेंस की अवधि 30 अगस्त 2023 को समाप्त हो रही है, लेकिन उससे पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा पावर कंपनी को टेकओवर करने का निर्णय ले रही है। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार किसी दूसरे कंपनी को अधिग्रहण दे देगी। इसकी प्रक्रिया लखनऊ से शुरू हो गई है। विद्युत के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने विद्युत अधिनियम 1910 की धारा 6 और 7 के तहत नोएडा कंपनी पावर लिमिटेड को नोटिस भी भेज दिया है।
लखनऊ स्तर से अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बिजली सप्लाई करने के लिए एनपीसीएल को विद्युत अधिनियम 1910 के तहत 30 वर्षों के लिए लाइसेंस दिया था। यह लाइसेंस 30 अगस्त 1993 में दिया गया था। जिसके बाद अब 30 अगस्त 2023 को लाइसेंस की अवधि समाप्त हो जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने विद्युत अधिनियम 1910 समाप्त कर दिया है और 2003 लागू हो चुका है। जिसके तहत अब पूर्वव्रती राज्य विद्युत परिषद चाहे तो नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड को समय से पहले ही नोटिस देकर टेकओवर कर सकता है, क्योंकि इस कंपनी को लाइसेंस 1910 अधिनियम के तहत दिया गया था और वह अधिनियम अब समाप्त हो चुका है। इसके प्रक्रिया लखनऊ स्तर शुरू हो चुकी है।
अवधेश वर्मा ने ज्यादा पैसा वसूलने का मुद्दा उठा था
दरअसल, करीब डेढ़ महीने पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए हाईलेवल ऑनलाइन बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान जन सुनवाई की गई थी। यह जनसुनवाई एनपीसीएल और ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के टैरिफ को लेकर हुई थी। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मुद्दा उठाया था कि एनपीसीएल द्वारा एवरेज बिलिंग से ज्यादा पैसा वसूला गया है। जबकि, औसत विद्युत लागत बेहद कम है। उन्होंने मुद्दा उठाया कि औसत विद्युत लागत कम होने के बावजूद भी बिजली की दर कम क्यों नहीं की गई है? अब एक महीने बाद एनपीसीएल ने बिजली की दरें कम कर दी है।