BIG BREAKING : कांग्रेस ने वीरेंद्र सिंह गुड्डू को 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया, गम्भीर आरोप

Tricity Today | राहुल गांधी के साथ वीरेंद्र सिंह गुड्डू



Greater Noida : कांग्रेस ने वीरेंद्र सिंह गुड्डू को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस की अनुशासन समिति के सदस्य श्याम किशोर शुक्ला की ओर से यह जानकारी दी गई है। श्याम किशोर शुक्ला ने बताया कि वीरेंद्र सिंह गुड्डू लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। उन पर गंभीर आरोप थे। जांच में आरोप सत्य पाए जाने पर यह कार्यवाही की गई है। वीरेंद्र सिंह गुड्डू को तत्काल प्रभाव से पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से अलग कर दिया गया है। उन्हें अगले 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।

यूपी कांग्रेस के महासचिव थे वीरेंद्र गुड्डू
वीरेंद्र सिंह गुड्डू मूल रूप से बुलंदशहर जिले के रहने वाले हैं। वह लंबे अरसे से गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे। पिछली कार्यकारिणी में उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया था। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी थे। वीरेंद्र सिंह गुड्डू ने वर्ष 2007 में बुलंदशहर की अगौता विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। पिछले करीब एक वर्ष से वीरेंद्र सिंह गुड्डू विवादों में चल रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी धीरज गुर्जर और प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे।

पार्टी ने 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया
पिछले दिनों वीरेंद्र सिंह गुड्डू के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ओर से कई शिकायतें दिल्ली मुख्यालय भेजी गई थीं। इस पर अनुशासन समिति को जांच सौंपी गई। अनुशासन समिति के सदस्य और पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला ने बताया जांच में आरोप सही पाए गए हैं। वीरेंद्र सिंह गुड्डू पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। उन्होंने पार्टी प्रोटोकॉल और अनुशासन को तोड़ा है। पार्टी संविधान की सुसंगत धाराओं के तहत उन पर कार्रवाई करते हुए सभी पदों से विरत कर दिया गया है। उनकी प्राथमिक सदस्यता को अगले 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

वीरेंद्र सिंह गुड्डू से संपर्क नहीं हो सका
यह जानकारी मिलने के बाद वीरेंद्र सिंह गुड्डू का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया। वीरेंद्र सिंह से संपर्क नहीं हो पाया है। उनका मोबाइल स्विच ऑफ चल रहा है। दूसरी ओर पूर्व प्रदेश महासचिव के खिलाफ हुई इस कड़ी कार्रवाई से कांग्रेस संगठन में हलचल है।

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