घोड़ी बछेड़ा के ग्रामीणों को जल्द मिलेगी जलभराव से निजात : 1100 मीटर लंबी ड्रेन का निर्माण शुरू, दो माह में पूरा करने का लक्ष्य

ट्राई सिटी | प्रतीकात्मक फोटो



Greater Noida News : घोड़ी बछेड़ा गांव में तालाबों के ओवरफ्लो से उत्पन्न जलभराव की समस्या को समाप्त करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ठोस कदम उठाए हैं। प्राधिकरण ने जलनिकासी की व्यवस्था को सुधारने के लिए 1100 मीटर लंबे नाले का निर्माण शुरू किया है, जिसे अगले दो महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह नाला गांव के तालाब से बाहर के नाले तक जोड़ा जाएगा। जिससे जलनिकासी की प्रक्रिया सुचारू हो सकेगी। बारिश के दौरान तालाबों के ओवरफ्लो होने के कारण गांव की गलियों में पानी भर जाता है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

1100 मीटर लंबे नाले के निर्माण का कार्य शुरू
जलभराव की समस्या के समाधान के लिए प्राधिकरण ने 1100 मीटर लंबे नाले के निर्माण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है। यह नाला दो मीटर की गहराई और चौड़ाई के साथ बनाया जा रहा है। हालांकि, भूमि विवाद के कारण काम में बाधाएं आ रही थीं, लेकिन किसानों से बातचीत के बाद प्राधिकरण ने निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्णय लिया है। इससे गांव के भीतर जलनिकासी में सुधार होगा और ग्रामीणों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, गांव में सीसी रोड, खंडंजा और नालियों का निर्माण भी किया जा रहा है।

अन्य गांवों में भी होगा नालों का निर्माण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की योजना के तहत सूरजपुर, दादूपुर, और तिलपता जैसे अन्य गांवों में भी तालाबों के ओवरफ्लो की समस्या के समाधान के लिए नालों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में उन गांवों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जहां तालाब गांव के अंदर स्थित हैं। तालाबों में जलभराव के साथ-साथ उनकी सफाई की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है। इससे न केवल जलनिकासी में सुधार होगा, बल्कि तालाबों की सुंदरता में भी वृद्धि होगी।

जलनिकासी व्यवस्था के साथ तालाबों के सुंदरीकरण का भी होगा कार्य
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राधिकरण ने जलनिकासी व्यवस्था के विकास के साथ-साथ तालाबों के सुंदरीकरण का भी कार्य प्रारंभ किया है। एसीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आशुतोष कुमार द्विवेदी के अनुसार अतिरिक्त पानी को नाले के माध्यम से नदी में पहुंचाने की योजना बनाई गई है। साथ ही गांव के निवासियों ने घर-घर में सबमर्सिबल पंप लगा रखे हैं। जिससे भूजल का अत्यधिक दोहन हो रहा है और पानी की बर्बादी भी। यह परियोजना ग्रामीणों की जीवनशैली को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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