Tricity Today | पिछले दिनों राजा रावल लखनऊ गए तो स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर आए
पिछले 24 घंटों से गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी में एक चर्चा जोरों पर चल रही है। पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में रोष है। तमाम लोग आहत हैं। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शुक्रवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दौरे पर थे। नोएडा में दो बड़ी बैठक कीं। इसके बाद ग्रेटर नोएडा में गुर्जर शोध संस्थान के होली मिलन समारोह में शामिल हुए। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष, महामंत्री और मौजूदा नगर पालिका सभासद राजा रावल का असामयिक निधन हो गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अध्यक्ष जी महज 10 किलोमीटर दूर चलकर राजा रावल के बीवी और बच्चों से नहीं मिल सके। राजा रावल और स्वतंत्र देव सिंह एक-दूसरे को लंबे अरसे से नजदीकी से जानते रहे हैं। ग्रेटर नोएडा से राजा रावल की पत्नी को फोन करके महज औपचारिकता पूरी कर दी।
राजा रावल से नजदीकी रखने वाले भाजपा नेताओं का कहना है, कभी ऐसा नहीं हुआ वह लखनऊ गए हों और स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात करके ना आए हों। स्वतंत्र देव सिंह पार्टी के अध्यक्ष नहीं थे, तब भी राजा रावल उनके पास नियमित जाते थे। राजा रावल पार्टी के बेहद अनुशासित और सुलझे हुए कार्यकर्ता थे। कल जब अध्यक्ष जी जिले में थे तो सबको पूरा भरोसा था कि वह राजा रावल के परिवार से मिलने जरूर जाएंगे। बड़ी बात तो यह है कि वह ग्रेटर नोएडा परी चौक पर होली मिलन समारोह में भी शामिल हुए, लेकिन यहां से महज 10 किलोमीटर दूर दादरी कस्बे में राजा रावल के घर तक जाने की इच्छा शक्ति जागृत नहीं कर पाए।
महिला भाजपा से ताल्लुक रखने वाली नेत्री ने कहा, "कल स्वतंत्र देव सिंह नोएडा के इंदिरा गांधी कला केंद्र में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने और पहचान पत्र देने आए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की सफलता इन्हीं कार्यकर्ताओं के कंधों पर है। जिस इलाके में बूथ सबसे मजबूत होता है वहां भाजपा बड़ी सफलता हासिल करती है। वैसे तो हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं को सर्वोपरि मानने वाली पार्टी है, लेकिन राजा रावल जैसे पुराने और अनुशासित कार्यकर्ता की मौत पर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात करने नहीं जाना बेहद निराशाजनक रहा है।"
क्षेत्रीय अध्यक्ष भी राजा रावल के घर तक नहीं गए
पार्टी में चर्चा है कि पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल पिछले 10 दिनों से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार बने हुए हैं। वह पहले राज्य सरकार की उपलब्धियां बताने जिले में जनसभा करके गए हैं। शुक्रवार को भी वह गौतमबुद्ध नगर में रहे। उनका घर भी नोएडा में है। राजा रावल कई दिन तक गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती रहे। उनका निधन होने के बाद भी क्षेत्रीय अध्यक्ष उनके परिवार से मिलने नहीं पहुंचे। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिले में होने के बावजूद वैसे तो प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का दायित्व बनता था कि वह पीड़ित परिवार से मिलने जाते। अगर वह किसी कारणवश नहीं जा पाए तो क्षेत्रीय अध्यक्ष को तो भेजना ही चाहिए था। राजा रावल से क्षेत्रीय अध्यक्ष भी बहुत अच्छी तरह परिचित थे।
शोकसभा के वक्त जिला कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई
राजा रावल को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार की दोपहर 12:00 बजे शोक सभा का आयोजन किया गया था। जिले के भाजपा कार्यकर्ता दादरी में उनके घर पहुंच रहे थे। तभी लोगों को फोन कॉल किए गए और मैसेज भेजे गए कि जिला कार्यकारिणी ने दोपहर 12:00 बजे बैठक बुलाई है। जिसके चलते जिला कार्यकारिणी के तमाम पदाधिकारी और सदस्य पशोपेश में पड़ गए। कार्यकारिणी के ज्यादातर सदस्य व पदाधिकारी राजा रावल की शोक सभा में शामिल नहीं हो पाए। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। पार्टी एक पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा, "प्रोटोकॉल के मुताबिक शोक सभा में जिला अध्यक्ष विजय भाटी को तो जरूर जाना चाहिए था। राजा रावल जिला कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण पदों पर रहे थे। वह अभी भी राज्य सरकार की ओर से दादरी नगर पालिका में नामित सभासद थे।" पार्टी की ओर से एक 30 साल पुराने कार्यकर्ता की उपेक्षा पर भारी रोष है।
महज 18 वर्ष की उम्र में जुड़ गए थे राजा रावल
राजा रावल अभी 48 वर्ष के थे। पिछले 30 वर्षों से वह बजरंग, दल भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी में काम कर रहे थे। वह भाजयुमो के नगर अध्यक्ष, भाजपा के नगर अध्यक्ष, युवा मोर्चा और भाजपा के मंडल अध्यक्ष, गौतमबुद्ध नगर भाजपा के दो बार जिला उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री, एक दर्जन से ज्यादा अभियानों के प्रभारी और नगरपालिका के सभासद रहे। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजा रावल 12वीं करने के तुरंत बाद महज 18 साल की उम्र से भाजपा और समान विचारधारा वाले संगठनों में काम करने लगे थे। ऐसे बड़े कार्यकर्ता की उपेक्षा असहनीय पीड़ा देती है।