Greater Noida : Galgotias University में दो दिवसीय कार्यक्रम, पहले दिन बिजनेस मॉडल पर हुई चर्चा

Tricity Today | कार्यक्रम



Greater Noida News : गलगोटिया विश्वविद्यालय में एक अद्वितीय दो दिवसीय कार्यक्रम "नवाचार और उद्यमिता प्रशिक्षण और अवलोकन यात्रा" का शुभारंभ हुआ है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का एजेंडा बेहद व्यापक और महत्वपूर्ण है। इसमें उद्यम पंजीकरण, स्टार्टअप, पिच डेक विकास, बिजनेस मॉडल कैनवास निर्माण, शिक्षा में नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी।

बिजनेस मॉडल कैनवास पर दिया जोर 
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के दस संकाय सदस्य भाग ले रहे हैं। इनमें गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट-ग्रेजुएट कॉलेज, टीका राम कन्या महाविद्यालय और एसएसवीपीजी कॉलेज शामिल हैं। पहले दिन के सत्र में डॉ. वीके अरोड़ा, जो आईजीडीटीयूडब्ल्यू अन्वेषण फाउंडेशन के सीईओ हैं, उन्होंने उद्यम पंजीकरण और प्रभावशाली पिच डेक पर व्याख्यान दिया। साथ ही सफल स्टार्टअप विकसित करने के महत्वपूर्ण चरणों पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में BeBOSS टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक प्रवीण कपूर ने बिजनेस मॉडल कैनवास की तैयारी पर विस्तृत जानकारी दी।

सीईओ ने कहा 
प्रतिभागियों को गलगोटिया विश्वविद्यालय की विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन करने का अवसर भी मिला, जिसमें हर्बल गार्डन, इनक्यूबेशन सेंटर, मीडिया सेंटर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फैब्रिकेशन लैब, वर्मीकंपोस्टिंग यूनिट, एपिकल्चर सेंटर और ग्रीन-पॉली हाउस शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान गलगोटिया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार साझा किए। सीईओ कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने रचनात्मकता के महत्व पर जोर दिया, जबकि सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने उद्यमिता की कला पर प्रकाश डाला। डायरेक्टर ऑपरेशन आराधना गलगोटिया ने रचनात्मक उद्यमियों के गुणों पर बात की।

नए विचारों की आवश्यकता : डॉ.के. मल्लिखार्जुन बाबू
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.के. मल्लिखार्जुन बाबू ने नए उत्पाद विकास पर जोर दिया, जबकि प्रो-कुलपति डॉ. अवधेश कुमार ने नवाचार और उद्यमिता में नए विचारों की आवश्यकता पर बल दिया। पूर्व कुलपति और वर्तमान सलाहकार, डॉ. रेनू लूथरा ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनके पास देश की प्रगति में योगदान देने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल हैं। उन्होंने पेटीएम, निरमा, उबर और सोनी जैसे सफल उदाहरणों का उल्लेख किया।

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