ग्रेटर नोएडा नियुक्ति घोटाला : एम्पलाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र चौधरी घिरे, पत्नी और बहू समेत 10 लोगों को दिलवाई नौकरी

Tricity Today | Greater Noida Authority



Greater Noida : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हुए नियुक्ति घोटाले में निजी सचिव और एम्पलाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र चौधरी भी घिरते हुए नजर आ रहे हैं। उन पर आरोप लगा है कि खुद गजेंद्र चौधरी, उनकी पत्नी पहले से अथॉरिटी में नियुक्त हैं। इसके बाद उन्होंने अपने दो बेटों, भतीजों, नाती और रिश्तेदारों समेत 10 लोगों की नियुक्तियां अथॉरिटी में करवा डाली हैं।

आवासीय भूखंड का दोहरा लाभ लिया
इतना ही नहीं गजेंद्र चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने अथॉरिटी से स्टाफ कोटे से मिलने वाले प्लॉट का दोहरा आवंटन करा लिया है, जो नियम विरुद्ध बताया जा रहा है। दरअसल, अगर पति और पत्नी, दोनों प्राधिकरण में कार्यरत हैं तो किसी एक के नाम आवास या भूखंड का आवंटन करवाया जा सकता है। इस पूरे मामले की शिकायत मेरठ मेडिकल के रहने वाले नील कमल ने पीएम, यूपी के सीएम, औद्योगिक विकास सचिव, मंत्री धर्मवीर सैनी, मंत्री नंद गोपाल नंदी और सीईओ ग्रेटर नोएडा समेत 10 लोगों को पोर्टल के माध्यम से की है।

परिवार के 8 सदस्यों दिलवाई नौकरियां
नील कमल ने पीएम और सीएम समेत अन्य लोगों को पोर्टल के माध्यम से भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि गजेंद्र चौधरी बगैर किसी चुनाव के 8 साल से अध्यक्ष बने बैठे हैं, जो कि नियम विरुद्ध है। अध्यक्ष पद का दुरूपयोग करते हुए उन्होंने अपनी पत्नी, दोनों बेटों, दो भतीजों और रिश्तेदारों को नौकरियां दिलवाई हैं। गजेंद्र चौधरी के बेटे विकास चौधरी वर्क सर्किल-7 में प्लेसमेंट के जरिए सहायक प्रबंधक नियुक्त किए गए हैं। दूसरे बेटी विवेक चौधरी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। भतीजा मनीष खारी प्लेसमेंट से वर्क सर्किल-2 में सुपरवाईजर, भतीजा नवाब खारी प्लेसमेंट के जरिए वर्क सर्किल-6 में सुपरवाईजर, भतीजे की पत्नी मितलेस एसेट विभाग में सहायक नियुक्त करवाया है। एक रिश्तेदार अमित कुमार भाटी सीआर सेल में सुरपाईजर, रिश्तेदार रितिक को सीआर सेल में पऋवाहक, लवांश भाटी को सीआर सेल में पऋवाहक नियुक्त कराया है। आरोप है कि यह सबकुछ फर्जी तरीके से पद का दुरूपयोग करते हुए करवाया गया है। इस मामले में प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक स्तर के अफसर शामिल हैं।

आवासीय प्लॉट का भी आवंटन करवाया
नील कमल ने बताया कि ऑथरिटी में भवन आवंटन पॉलिसी के तहत नियम है कि नौकरी करने वाले किसी कर्मचारी को या उसकी पत्नी को किसी योजना में दो प्लॉट आवंटित होते हैं तो उनको दोनों भूखंडों में से एक को अथॉरिटी में सरेंडर करना पडेगा। लेकिन गजेंद्र चौधरी ने नियम को ताक पर रखते हुए अपने खुद के नाम प्लॉट नंबर ई-57 सेक्टर डेल्टा वन में खरीदा था। जिसका क्षेत्रफल केवल 60 वर्गमीटर था। इस भूखंड को स्टाफ कोटे में 200 वर्गमीटर क्षेत्रफल में कर्नवट करवाया है। बाद में इस प्लॉट को अपने पिता के नाम हस्तान्तरण कर दिया। इसके बाद अपनी पत्नी के नाम 200 वर्ग मीटर का प्लॉट स्टाफ कोटे में अलॉट करा लिया। नील कमल ने मांग की है कि पूरे मामले की जांच करके गजेंद्र चौधरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

ऋतु माहेश्वरी पर पूरा भरोसा : नील कमल
नील कमल के आरोपों से ग्रेटर नोएडा एंप्लाईज असोसिएशन के अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नील कमल ने गजेंद्र चौधरी पर पद का दुरुपयोग करके दो-दो प्लॉट आवंटन कराने, अपने दोनों बेटा, भतीजों और रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से नौकरी पर रखने के मामलों की जांच की मांग की है। वहीं, इस मामले में गजेंद्र चौधरी और अथॉरिटी के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। नील कमल का कहना है कि अथॉरिटी में नवनियुक्त सीईओ ऋतु माहेश्वरी की गिनती प्रदेश के ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले अफसरों में होती है, उनसे उम्मीद है कि जरूर जांच करके कार्रवाई करेंगी।

अन्य खबरें