BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा में कलेक्ट्रेट पर किसानों का कब्जा, पुलिस के उड़े होश

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में कलेक्ट्रेट पर किसान कर रहे हंगामा



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार सुबह सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। देखा जाए तो एक तरह से कलेक्ट्रेट पर किसानों ने कब्जा कर लिया है। मामले की सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा है। खुद ज्वाइंट सीपी शिवहरि मीणा किसानों को समझाने में जुटे हैं।

कलेक्ट्रेट में भारी पुलिस बल तैनात 
संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद बुधवार को कलेक्ट्रेट पर कई किसान संगठन के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। कई गांव के सैकड़ों किसान कलेक्ट्रेट पर कब्जा कर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं। आजतक उन्हें इंसाफ नहीं मिला है। उनकी मांगों की लिस्ट पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। अफसर से लेकर जनप्रतिनिधियों ने उन्हें सिर्फ ठगा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। किसान अपनी मांगों को मनवाकर ही दम लेगा। 

पुलिस से हुई जमकर नोंकझोक
धरना स्थल पर जाने की बात कही, लेकिन कुछ किसानों और पुलिस के बीच नोंकझोक हो गई। कुछ ही देर में किसानों ने पुलिस के लगाए घेरे को तोड़ दिया। इस दौरान दोनों के बीच जमकर नोंकझोक भी हुई। किसान घेरे को तोड़कर डीएम कार्यालय के बाहर तक पहुंच गए, जहां पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसान वहीं पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।

प्रतिनिधिमंडल ने की बैठक
पिछले साल किसान सभा के एक साल के आंदोलन के परिणाम में प्राधिकरण ने उक्त तीनों समस्याओं सहित अन्य 21 समस्याओं को हल करने का लिखित आश्वासन दिया था। इस क्रम में यह हाई पावर कमेटी बनी। इतना ही नहीं नए कानून को लागू करने एवं 10% प्लाट देने का प्रस्ताव पास कर शासन के अनुमोदन के लिए भी प्राधिकरण में भेजा था, लेकिन अभी तक भी कोई परिणाम धरातल पर निकलकर नहीं आया है, जिस कारण दिन प्रतिदिन किसानों का आक्रोश बढ़ता गया। इसी मांग को लेकर किसानों ने बुधवार को जमकर हल्ला बोला। काफी मशक्कत के बाद किसानों को धरने से उठाया गया। इसके बाद किसानों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक अधिकारियों के साथ हुई।

कई किसान नेताओं को किया नजरबंद 
पुलिस ने बुधवार सुबह प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले कई किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। नोएडा में भारतीय किसान यूनियन क्रांति के पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। भारतीय किसान यूनियन क्रांति के प्रदेश अध्यक्ष परविंदर यादव ने कहा कि बुधवार सुबह से पुलिस ने उन्हें नजरबंद किया हुआ है। वर्तमान सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। व्यापारियों का हजारों करोड़ रुपया केंद्र सरकार द्वारा माफ कर दिया गया है, लेकिन किसानों का दुर्भाग्य देखिए उन्हें उनका हक व अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इस अवसर पर विनोद यादव, सुंदर यादव, सौरभ मुखिया, लोकेश पहलवान, विजेंद्र लंबरदार, शेखर लंबरदार, मोहित मुखिया, नरेंद्र यादव, चंदन यादव सहित अन्य यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

भाकियू मंच ने किया किनारा 
भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान का कहना है कि हम इस प्रदर्शन में शामिल नहीं है। उनका कहना है कि प्रदर्शन वाले किसान संगठन पहले सांसद और विधायक से मिलते हैं और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करते हैं। खुद बताते हैं कि बातचीत सकारात्मक रही। फिर भी प्रदर्शन करते हैं। आखिर ये किसान संगठन करना क्या चाहते हैं। जब सबकुछ ठीक है तो प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। इसीलिए हमारा संगठन इस प्रदर्शन में शामिल नहीं है।

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