Greater Noida : गुरुवार की दोपहर बाद बड़ी संख्या में किसानों का जत्था एकत्र होकर मोबाइल निर्माता कंपनी ओप्पो के बाहर पहुंचा। कंपनी के मुख्य द्वार के बाहर किसानों ने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया है। यह प्रदर्शन किसान बेरोजगार सभा के कार्यकर्ताओं ने किया। इन लोगों ने जमकर हंगामा किया। संगठन का कहना है कि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की बजाय कम्पनी पहले से काम कर रहे युवकों को निकाल रही है। सूचना मिलने के बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस और किसानों में जमकर नोकझोंक हुई। किसान बेरोजगार संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि कंपनी में 8-10 साल से काम कर रहे स्थानीय युवाओं को चिन्हित करके निकाला जा रहा है। दूसरी कम्पनियां भी स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दे रही हैं।वहीं, स्थानीय युवाओं ने भी एलन किया है कि अगर हमें नौकरी नहीं मिलेंगी तो कंपनी नहीं चलने देंगे।
"कंपनी नहीं चलने देंगे, आर-पार की लड़ाई होगी"
गुरुवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक किसान बेरोजगार सभा के कार्यकर्ता ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी पहुंचे। ग्रेटर नोएडा के कासना कस्बे में पास संयंत्र है। संगठन के अध्यक्ष सूबे राम ने कहा, "कम्पनी मनमानी कर रही है। कम्पनी पिछले 6 साल से नौकरी कर रहे बच्चों को जबरन निकाल रही है। हम कम्पनी की हठधर्मी और मनमानी नहीं चलने देंगे। अगर कम्पनी स्थानीय युवाओं को निकालेगी तो संगठन कम्पनी नहीं चलने देगा।" सूबे राम ने आगे कहा, "ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकारण ने किसानों की भूमि लेकर कम्पनी को दी है। लेकिन किसानों के बच्चों को कम्पनी स्थाई रोजगार नहीं दे रही है। जब तक क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं मिल जाता संगठन का संघर्ष जारी रहेगा। अबकी बार कम्पनी से आर-पार की लड़ाई होगी।"
किसानों ने कंपनी पर बैठक की। बैठक में मुख्य रूप से ओमवीर प्रधान, अजय प्रधान, राहुल चौधरी, हरेराम मास्टर, विजय पाल भाटी, लक्ष्मण सिंह, सत्तू भाटी, फिरे प्रधान, चीन सिंह आदि शामिल रहे। किसानों ने कंपनी मैनेजमेंट को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें मुख्य रूप से स्थानीय युवकों को काम देने की मांग की है। संगठन के पदाधिकारियों ने ऐलान किया है कि अगर मौजूदा कर्मचारियों को निकाला गया तो कंपनी को नहीं चलने दिया जाएगा।