नोएडा में सिस्टम के खिलाफ आर-पार की लड़ाई : 32 घंटे से किसानों के घेरे में डीएम दफ्तर, कांग्रेस और सपा ने दिया समर्थन

Tricity Today | कलेक्ट्रेट पर किसानों का प्रदर्शन



Greater Noida News : कलेक्ट्रेट पर संयुक्त किसान मोर्चा के घेराव के दूसरे दिन किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। भारी संख्या में जुटे महिला-पुरुष किसान अपने प्रमुख मांगों को लेकर धरनास्थल पर डटे रहे। इस धरने की अध्यक्षता चंदा भाटी ने की और संचालन उदल आर्य द्वारा किया गया। किसानों ने सरकार के दबाव के बावजूद धरना जारी रखते हुए अपने मुद्दों पर अडिग रहने का संकल्प दोहराया। इस धरने में शिशांत भाटी, प्रशांत भाटी, गुरप्रीत एडवोकेट, भीम सिंह, अतुल, सुरेश यादव, गबरी यादव, राम सिंह नेताजी, निशांत रावल, सुरेंद्र भाटी और मनवीर भाटी सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष टीम के साथ पहुंचे
धरनास्थल पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीपक चोटी वाला ने अपने नेतृत्व में दुष्यंत नागर, गौतम अवाना और अन्य साथियों के साथ किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यकता होने पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी इस आंदोलन में शामिल किया जाएगा। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बृजेश भाटी ने कहा, "यह संघर्ष आर-पार का है। हम जीत के बिना घर नहीं लौटेंगे।" इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने भी पूरा समर्थन दे दिया है।

"मांगें पूरी करवा कर धरना समाप्त करेंगे"
जय जवान जय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील फौजी ने कहा कि यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चल रहा है और किसानों का संकल्प है कि वे अपनी मांगें पूरी करवा कर ही धरना समाप्त करेंगे। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि उनके आंदोलन का मुख्य उद्देश्य 10% प्लाट हासिल करना है और किसी भी हाल में बिना प्राप्त किए वे पीछे नहीं हटेंगे। 

किसान अपनी मांगों पर अड़े
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा ने कहा, "यह धरना 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट, आबादियों के लीज बैक और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करवाने के लिए है। कमेटी ने फरवरी में गठन के बाद अगस्त में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन सरकार इसे अब तक सार्वजनिक करने में नाकाम रही है।" इस मौके पर किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने भी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक रिपोर्ट की कॉपी नहीं मिल जाती, तब तक यह धरना समाप्त नहीं होगा।

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