श्रीकांत त्यागी मामला : सूरजपुर जिला न्यायालय में चप्पे-चप्पे पर फोर्स, हर गेट पर हो रही है तलाशी, कर सकता है सरेंडर

Tricity Today | सूरजपुर जिला न्यायालय के हर गेट पर पुलिस फोर्स तैनात



Greater Noida : सूरजपुर में स्थित गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। पूरे न्यायालय परिसर में भारी फोर्स तैनात किया गया है। अदालत के सभी गेट पर पुलिसकर्मी चौकसी बरत रहे हैं। अदालत में प्रवेश करने वाले लोगों की तलाशी ली जा रही है। दरअसल, नोएडा की ओमेक्स ग्रैंड हाउसिंग सोसाइटी में महिला के साथ अभद्रता और मारपीट करने वाला श्रीकांत त्यागी जिला न्यायालय में सरेंडर कर सकता है। ऐसी जानकारी गौतमबुद्ध नगर पुलिस को मिली है। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस पूरी तरह चौकस है।

सुप्रीम कोर्ट का वकील कर रहा गाइड, दाखिल कर सकता है एंटीसिपेटरी बैल
श्रीकांत त्यागी को तीन दिनों से गौतमबुद्ध नगर पुलिस तलाश कर रही है। उसको पकड़ने के लिए दिल्ली-एनसीआर और वेस्टर्न यूपी समेत उत्तराखंड और लखनऊ तक तमाम ठिकानों पर छापेमारी की गई है। रविवार को उसका सुराग नोएडा पुलिस को मिला है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक श्रीकांत त्यागी उत्तराखंड में हरिद्वार और ऋषिकेश में बार-बार लोकेशन बदल रहा है। वह दिल्ली के एक सुप्रीम कोर्ट के वकील के संपर्क में है। वह इस मामले को लेकर कानूनी दांवपेच पर काम कर रहा है। जानकारी यह भी मिली है कि श्रीकांत त्यागी सोमवार को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय या इलाहाबाद हाईकोर्ट में एंटीसिपेटरी बैल के लिए अर्जी दाखिल कर सकता है। इसके अलावा उसके पास अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने का विकल्प भी है। यही वजह है कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस सूरजपुर जिला न्यायालय में डेरा डालकर पड़ी हुई है।

महिला की शिकायत पर 354 आईपीसी दर्ज हुई, बाद में 4 धाराएं और बढ़ीं
नोएडा की ओमेक्स ग्रैंड हाउसिंग सोसायटी में श्रीकांत त्यागी ने जिस महिला के साथ अभद्रता की है, उसने शुक्रवार को ही थाना फेस-2 में शिकायत दी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने श्रीकांत त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में श्रीकांत पर आईपीसी की धारा 354 आरोपित की गई है। इसके अलावा पुलिस ने तफ्तीश करते हुए चार और धाराएं श्रीकांत त्यागी के खिलाफ इस एफआईआर में दर्ज की हैं। इस बारे में सीनियर एडवोकेट अलबेल भाटी का कहना है, "वैसे तो मजिस्ट्रेट की अदालत में आईपीसी की धारा 354 के तहत जमानत नहीं दी जाती है। लेकिन कई बार फैसला परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। इस मामले में पुलिस की जांच, अभियोजन के तर्क और एप्लिकेंट के बयान बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।" अलबेल भाटी आगे के कहते हैं, "आरोपी गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय या इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करके एंटीसिपेटरी बेल की मांग कर सकता है।"

शनिवार और रविवार की छुट्टियां होने के कारण फरार हुआ श्रीकांत?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना के तुरंत बाद श्रीकांत त्यागी को जब पता चला कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है तो वह हाउसिंग सोसाइटी से फरार हो गया। उसने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए हैं। पिछले 48 घंटों के दौरान पुलिस उसके मोबाइल फोन ट्रैक कर रही है, लेकिन सर्विलांस पर कोई गतिविधि नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि नोएडा पुलिस तमाम कोशिशें करने के बावजूद उसकी लोकेशन का पता लगाने में नाकाम है। श्रीकांत त्यागी के बेहद नजदीकी लोगों में से एक ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से संपर्क साधे हुए है। शनिवार और रविवार को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय और इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवकाश था। इस कारण वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ना चाहता था। सोमवार को अदालत खुलेंगी। उसके साथ ही श्रीकांत त्यागी और उसके वकील वैधानिक विकल्पों पर काम शुरू करेंगे।

आईपीसी की धारा 354 क्या है? अपराध के लिए अधिकतम सजा क्या है?
अब सवाल यह उठता है कि आईपीसी की धारा 354 क्या है? जिसके तहत आरोपित होने वाले को कितनी सजा हो सकती है? जो कोई भी किसी महिला पर हमला करता है या आपराधिक बल का प्रयोग करता है, उसे अपमानित करने के इरादे से या यह जानते हुए कि वह उसकी लज्जा को भंग कर देगा, इसे आईपीसी की धारा 354 के तहत संज्ञेय अपराध माना जाता है। ऐसे आरोपी को दोषी पाए जाने पर 1 से लेकर 5 वर्ष तक का कठोर कारावास हो सकता है। दोषी पर अर्थदंड लगाया जा सकता है। दोषी को कारावास व अर्थदंड दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। अलबेल भाटी एडवोकेट कहते हैं, "पिछले कुछ वर्षों के दौरान महिला अपराधों से जुड़े मुकदमों में अदालतों ने सख्त रुख अख्तियार किया है। जिसके चलते ऐसे मामलों में अदालतें आरोपियों के प्रति नरम रवैया नहीं बरत रही हैं। श्रीकांत त्यागी से जुड़ा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो मैंने भी देखा है। उसे देखकर साफतौर पर जाहिर होता है कि उसने जानबूझकर, साशय और महिला को अपमानित करने के लिए पूरी घटना को अंजाम दिया है।"

दूसरी एफआईआर में धाराओं की जानकारी नहीं
शनिवार की शाम गौतमबुद्ध नगर के एडिशनल डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर कुमार रणविजय सिंह ने एक बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि श्रीकांत त्यागी के घर से 4 कारें बरामद की गई हैं। जिनमें से 3 पर मोटर व्हीकल एक्ट के उल्लंघन का मामला बनता है। एक कार पर उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय चिन्ह का दुरुपयोग किया गया है। इन कारों को पुलिस ने सीज कर दिया है। एडीसीपी ने कहा था कि इस मामले में श्रीकांत त्यागी खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मुकदमे में पुलिस ने कौन-कौन सी धाराएं उसके ऊपर आरोपित की हैं, इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है। दरअसल, पुलिस ने दूसरी एफआईआर अभी सार्वजनिक नहीं की है। यही वजह है कि श्रीकांत त्यागी और उसके वकील, पुलिस की रणनीति को भांपकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

दूसरी एफआईआर बढ़ा सकती है श्रीकांत त्यागी की मुश्किलें
सीनियर एडवोकेट अलबेल भाटी कहते हैं, "जिस तरह से एडीसीपी कुमार रणविजय सिंह का बयान आया है और उन्होंने जो जानकारी दी हैं, अगर उसी आधार पर श्रीकांत त्यागी खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है तो उसके लिए मुश्किल और ज्यादा बढ़ सकती हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय चिन्ह का दुरुपयोग करने के मामले में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और दूसरे अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। यह मामला गंभीर होगा। जिसके लिए एंटीसिपेटरी बैल मिलना भी आसान नहीं रहेगा।"

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