BREAKING : ग्रेटर नोएडा के प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचा गंगाजल, अब घरों में पहुंचाने की तैयारी, पढ़ें खास खबर

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा के प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचा गंगाजल



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने की तैयारी आखिरी चरण में पहुंच गई है। गुरुवार को अपर गंगा कैनाल से देहरा में बने प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट तक गंगाजल पहुंच गया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के सीईओ नरेंद्र भूषण (CEO Narendra Bhooshan IAS) ने देहरा जाकर इसका मुआयना किया। हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की। इस माह के अंत ग्रेटर नोएडा के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक और नए साल पर ग्रेटर नोएडावासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने की प्राधिकरण की तैयारी है।

नवरात्रि का पहला दिन गुरुवार ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बहुत अहम दिन रहा। पहली बार गंगाजल अपर गंगा कैनाल से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच गया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण, महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा, वरिष्ठ प्रबंधक जल कपिलदेव समेत कई अधिकारी देहरा पहुंचे। सीईओ नरेंद्र भूषण ने देहरा (हापुड़) स्थित प्राइमरी ट्रीटमेंट  प्लांट का मुआयना किया। हरी झंडी दिखाकर ट्रीटमेंट प्लांट  में गंगाजल लाने के लिए हैंडल के जरिए गेट खोला और नारियल फोड़कर शुभ शुरुआत की। 

इसी महीने जैतपुर पहुंचेगा पानी
सीईओ ने कमिश्निंग का काम इसी माह पूरा कर गंगाजल को ग्रेटर नोएडा के जैतपुर तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि इस दिवाली तक गंगाजल हर हाल में ग्रेटर नोएडा के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच जाना चाहिए। साथ ही इस साल के अंत तक ग्रेटर नोएडावासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने का भी लक्ष्य दिया। उन्होंने प्रोजेक्ट विभाग से ग्रेटर नोएडावासियों का नए साल का आगाज गंगाजल के साथ कराने को कहा। गौरतलब है कि गंग नहर के जरिए ग्रेटर नोएडा तक 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना पर काम चल रहा है। 

2005 में हुआ था ऐलान
इस प्रोजेक्ट का ऐलान तो 2005 में हो गया था, लेकिन किसानों से जमीन प्राप्त करने में अड़चन के चलते परियोजना पर काम शुरू नहीं हो सका। बीते तीन साल में ही इस परियोजना पर तेजी से काम हुआ है और अब गंगाजल ग्रेटर नोएडा शहर तक पहुंचने वाला है। इस पूरी परियोजना पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। गंगाजल सप्लाई होने से ग्रेटर नोएडा के निवासियों को न सिर्फ और अधिक मीठा पानी मिल सकेगा, बल्कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जलापूर्ति के लिए  भूजल बहुत कम निकालना पड़ेगा। इससे ग्रेटर नोएडा में भूजल के स्तर में भी सुधार होगा।

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