खास खबर : यह है गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत का जातिगत समीकरण, जानिए किस करवट बैठेगा ऊंट

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत का जातिगत समीकरण



UP Panchayat Chunav : गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है। शनिवार को उम्मीदवारों की अंतिम सूची जिला प्रशासन जारी कर देगा। नामांकन कर चुके उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी मुख्य मुकाबले में हैं। कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी मजबूत टक्कर दे रहे हैं। सभी उम्मीदवारों का दारोमदार जातिगत समीकरणों पर टिका हुआ है। अपनी-अपनी बिरादरी के साथ-साथ राजनीतिक दलों को सपोर्ट करने वाले समुदायों पर उम्मीदवार डोरे डाल रहे हैं। लिहाजा, ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के किस वार्ड में किस जाति का जनाधार कितना है।

वार्ड नंबर-1 : अनुसूचित जाति महिला
सबसे पहले गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के वार्ड नंबर एक की बात करते हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र को अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने मोहिनी को टिकट दिया है। हालांकि मोहिनी के नामांकन पर आपत्ति की गई है। जिसका निस्तारण शनिवार को किया जाएगा। समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन ने पूजा वाल्मीकि और आम आदमी पार्टी ने सरोज जाटव को उम्मीदवार बनाया है। जातिगत समीकरण की बात करें तो जिला पंचायत के इस वार्ड में 14 गांव शामिल हैं। इनमें कुल मतदाताओं की संख्या 53171 है। एक निजी सर्वे के मुताबिक अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या 9,137 है। अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले मतदाता 15,611 हैं। इस वार्ड में सबसे ज्यादा मतदाता सामान्य वर्ग के हैं। इनमें ठाकुर और ब्राह्मण मतदाता शामिल हैं। इनकी संख्या 28,423 है।

लिहाजा, स्थिति साफ है कि सामान्य वर्ग के मतदाता जिला पंचायत के इस वार्ड में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। मोहिनी जाटव के पति बिसाड़ा गांव के मनोज सिसोदिया हैं। राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। अगर मोहिनी के नामांकन को हरी झंडी मिलती है तो जातिगत समीकरण सीधे तौर पर उनके पक्ष में जाता है।

वार्ड नंबर-2 : अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला
गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत का वार्ड नंबर-2 अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 12 गांव समाहित हैं। मतदाताओं की संख्या 43,409 है। इनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर 31,041 हैं। अनुसूचित जातियों के मतदाता 4,341 हैं। सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले वोटर 8,027 हैं। आंकड़ा देखकर स्थिति साफ हो जाती है कि यह वार्ड पूरी तरह से अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटरों पर आधारित है। यहां से बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जयवती नागर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भारतीय जनता पार्टी ने गीता देवी को टिकट दिया है। गीता देवी भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पवन नागर की पत्नी हैं। आम आदमी पार्टी ने आरती नागर को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन ने गीता भाटी को मैदान में उतारा है। इस वार्ड से कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना की पत्नी पूजा नागर भी दावा पेश कर रही थी, लेकिन ऐन वक्त पर वह पीछे हट गई।

अगर उम्मीदवारों के कद का अंदाजा लगाया जाए तो जयवती नागर का पलड़ा भारी नजर आता है। भारतीय जनता पार्टी की गीता देवी भी सत्तारूढ़ दल से ताल्लुक रखती हैं। इसके अलावा इस निर्वाचन क्षेत्र में भाटी-नागर गोत्र तक गुर्जरों का गणित महत्वपूर्ण साबित होगा। दरअसल, समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल की उम्मीदवार गीता भाटी अपने गोत्र से अकेली हैं। जबकि नागर गोत्र से ताल्लुक रखने वाली 3 उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं।

वार्ड नंबर-3 : सामान्य 
जिला पंचायत का वार्ड नंबर-3 महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस वार्ड पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। दरअसल, यहां से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नागर के करीबी बिजेंद्र भाटी को उम्मीदवार माना जा रहा था। पार्टी ने बिजेंद्र भाटी को दरकिनार कर युवा नेता देवा भाटी पर दांव आजमाया है। दूसरी ओर सपा-रालोद गठबंधन ने मुकेश सिसोदिया को मैदान में उतार दिया है। आम आदमी पार्टी ने हरेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। बहुजन समाज पार्टी ने चिटहरा गांव के पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इस निर्वाचन क्षेत्र की खासियत यह है कि यहां आधे गांव गुर्जर बाहुल्य और आधे राजपूत बिरादरी के बाहुल्य वाले हैं। ऐसे में दो गुर्जर और ठाकुर उम्मीदवार एक-दूसरे को मुकाबले में कड़ी टक्कर देंगे। लिहाजा, अंतिम समय तक यह आंकलन करना मुश्किल होगा कि विजयश्री किसकी झोली में जाएगी। अब इस वार्ड पर वोटरों के गणित की बात करते हैं। निर्वाचन क्षेत्र में 18 गांव शामिल हैं। इन में मतदाताओं की संख्या 40,913 है। अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता सबसे ज्यादा 22,357 हैं। इसके बाद सामान्य वर्ग के वोटरों की संख्या 15,856 है। अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले वोटर 8,700 हैं।

वोटरों की संख्या से यह तो साफ है कि गणित ओबीसी उम्मीदवार के पक्ष में जा सकता है। लोकसभा और विधानसभा के ट्रेंड पर नजर दौड़ाएं तो भारतीय जनता पार्टी के देवा भाटी खासे मजबूत लग रहे हैं। दरअसल, वह खुद अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और सामान्य वर्ग का मतदाता भारतीय जनता पार्टी को डोमिनेंट करता है। देखना होगा कि सपा-रालोद गठबंधन के मुकेश सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के हरेंद्र सिंह सामान्य वोटरों को अपनी ओर खींचने में कितने कामयाब होते हैं। बाकी मतदान और परिणाम परिस्थितियों से तय होगा।

वार्ड नंबर-4 : सामान्य
गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के लिए वार्ड नंबर-4 हॉट सीट है। यहां से समाजवादी पार्टी के बड़े नेता एमएलसी नरेंद्र भाटी के भतीजे और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजेंद्र भाटी के बेटे अवनेश भाटी मैदान में हैं। अवनेश और उनके पिता बिजेंद्र भाटी ने पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की थी। अब बसपा के झंडे तले ही चुनाव लड़ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस इलाके से युवा उम्मीदवार सोनू प्रधान को मैदान में उतारा है। सपा-रालोद गठबंधन ने युवा समीर भाटी पर दांव खेला है। आम आदमी पार्टी ने कर्मवीर राठी को टिकट दिया है। अवनेश भाटी के पक्ष में दो बातें जाती हैं। उनके परिवार को चुनाव लड़ने का पुराना अनुभव है और उन्हें विरासत में राजनीति मिली है। इलाके में उनके पिता और ताऊ का अच्छा जनाधार है। सोनू प्रधान के साथ भारतीय जनता पार्टी का दल-बल है। समीर भाटी गौतमबुद्ध नगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज भाटी के बेटे हैं। मनोज भाटी अपनी बिरादरी के अलावा दूसरे समुदायों में अच्छी पकड़ रखते हैं। हालिया चुनाव उन्होंने हर वर्ग में बढ़िया पैंठ रखने के कारण जीता है।

अब अगर वोटों के गणित पर नजर दौड़ाई जाए तो इस निर्वाचन क्षेत्र में 22 गांव हैं। जिनमें 53,403 वोटर हैं। सबसे ज्यादा 30,208 ओबीसी वोटर हैं। सामान्य वर्ग के मतदाताओं की संख्या 14,137 है। अनुसूचित जाति के मतदाता 10,058 हैं। कुल मिलाकर साफ है कि ओबीसी और सामान्य वोटरों के लिए सभी उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी होगी।

वार्ड नंबर-5 : सामान्य
गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत का वार्ड नंबर-5 सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। दरअसल, यहां भारतीय जनता पार्टी को भितरघात और बगावत का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने जिला महामंत्री अमित चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया है। उनके खिलाफ यहां के दो स्थानीय नेता सामने आकर खड़े हो गए हैं। इनमें सांसद डॉ.महेश शर्मा के प्रतिनिधि सतपाल तालान और युवा नेता सुनील शामिल हैं। सतपाल तालान जाट और सुनील ठाकुर हैं। यहां से सपा-रालोद गठबंधन ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रविंद्र भाटी लड़पुरा को उम्मीदवार बनाया है। बहुजन समाज पार्टी ने कपिल देव छोकर को उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने अशोक जाटव को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर अलावलपुर गांव के रोहताश शर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

कुल मिलाकर इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चारों तरफ से घिरे नजर आ रहे हैं। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के परंपरागत राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं को संगठित करने की चुनौती है। दूसरी ओर रविंद्र भाटी और अशोक जाटव के सामने गुर्जर और दलित मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में वोट हासिल करना आसान बात नहीं होगी। ऐसे में अमित चौधरी को गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा और जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से बड़ी उम्मीद रहेगी।

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